हिमाचल चुनाव: वीरभद्र और धूमल अपनी सीट छोड़ दूसरी सीट से क्यों लड़ रहे हैं चुनाव?
इस बार हिमाचल चुनाव कई मायनों में खास रहने वाला है। सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस और विपक्षी पार्टी बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल ने चुनाव में अपनी पारपंरिक सीट छोड़कर दूसरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
शिमला : हिमाचल विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा के बाद सभी पार्टियों ने चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। इस बार हिमाचल चुनाव कई मायनों में खास रहने वाला है। सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस और विपक्षी पार्टी बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल ने चुनाव में अपनी पारपंरिक सीट छोड़कर दूसरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
हिमाचल चुनाव में कांग्रेस के वीरभद्र सिंह अर्की से तो बीजेपी के प्रेम कुमार धूमल सुजानपुर से चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
दरअसल हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र की सुजानपुर विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। 2012 विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र के अंदर 65,006 मतदाता थे। लेकिन अस्तित्व में आने के बाद इस सीट पर राज्य की दोनों बड़ी पार्टियां कब्जा जमाने में नाकाम रही थी। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार राजिंदर सिंह ने 14,166 मतों से जीत हासिल कर दोनों खेमों में खलबली मचा दी थी।
जिसको लेकर इस बार बीजेपी के दिग्गज नेता और दो बार के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने सुजानपुर विधानसभा से नामांकन दाखिल कर कांग्रेस और मौजूदा विधायक की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। प्रेम कुमार धूमल वर्ष 1998-2003, 2007-2012 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। साथ ही प्रदेशाध्यक्ष के रूप में बीजेपी की कमान भी संभाल चुके हैं। इससे पहले वह पार्टी के गढ़ हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं।
वहीं इस सीट पर बीजेपी उमीदवार प्रेम कुमार धूमल के सामने कांग्रेस के रजिंदर राणा, बसपा के प्रवीण ठाकुर और माकपा के जोगिंदर कुमार ठाकुर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 9 नवंबर को होने वाले चुनाव में मतदाताओं का रुख किस ओर पलटता है, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन धूमल के इस सीट से चुनाव लड़ने से सुजानपुर सीट को एक महत्वपूर्ण सीट में तब्दील कर दिया है।
वहीं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला (ग्रामीण) विधानसभा सीट को छोड़कर सोलन जिले की अर्की सीट से लड़ने का फैसला किया है, लेकिन शिमला (ग्रामीण) सीट के प्रति अपना लगाव दिखाते हुए उन्होंने अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह को यहां से चुनाव मैदान में उतारा है। विक्रमादित्य शिमला (ग्रामीण) क्षेत्र से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पिछले विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेल चुकी भाजपा ने इस सीट से हिमाचल की मशहूर शख्सियत प्रोफेसर प्रमोद शर्मा पर दांव खेला है।