सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद स्पीकर के पास दौड़कर पहुंचे बागी विधायक

जिन विधायकों ने पार्टी के पक्ष में वोट नहीं किया, उनके खिलाफ दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराया जाएगा ।

Update: 2019-07-11 12:46 GMT

कर्नाटक। कर्नाटक का सियासी नाटक अभी भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी यह थमने का नाम नहीं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों के इस्तीफे के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए, इस्तीफा देने वाले विधायकों को शाम छह बजे तक स्पीकर के सामने पेश होने का आदेश दिया था। लेकिन इस फेसले के बाद स्पीकर रमेश कुमार ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए है। और इस मोहलत को बढ़ाने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका सुनने के लिए हामी तो भर दी है, लेकिन इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। ऐसे में विधायकों को 6 बजे तक स्पीकर के सामने पेश होना होगा।

कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है. इसमें कहा गया कि अगर विधानसभा में वोट डाले जाते है, तो विधायक पार्टी के पक्ष में वोट करें। जिन विधायकों ने पार्टी के पक्ष में वोट नहीं किया, उनके खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिसमें इस्तीफा देने वाले विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया जाएगा। तो कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए विद्रोही कांग्रेस-जद (एस) के विधायक विधानसभा पहुंच कर  स्पीकर से मिले।

गुरुवार को कर्नाटक के बागी विधायकों ने मुंबई से दो फ्लाइट से आज बेंगलुरु आये।  इसके बाद विधानसभा स्पीकर से मिलने पहुंचे. बागी विधायक कड़ी सुरक्षा के बीच भागते हुए स्पीकर के पास पहुंचे. कर्नाटक के बागी विधायक बी बसावराज, रमेश जारकिहोली, शिवराम हेब्बर, बीसी पाटिल, सोमशेकर, नारायण गौड़ा, गोपाल, विश्वनाथ, महेश कुमताहल्ली और प्रताप पाटिल समेत 11 बागी विधायक स्पीकर के चैंबर में प्रवेश कर गए हैं। फिलहाल ये विधायक विधानसभा स्पीकर से मुलाकात कर रहे हैं. वहीं, विधानसभा में सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए हैं। 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा कर्नाटक के 10 बागी विधायकों से विधानसभा स्पीकर के साथ मुलाकात के लिए कहे जाने पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "कोर्ट ने आदेश दे दिया है, निश्चित रूप से उसका पालन होगा, कानून के हिसाब से उन्हें चलना होगा, स्पीकर को भी नियमों के मुताबिक काम करना होगा।


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