कर्नाटक सरकार ने लिंगायत समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा घोषित किया
इस बीच, राज्य में लिंगायत को अलग धर्म की मान्यता देने के खिलाफ आवाज उठने लगी हैं?
नई दिल्ली : कर्नाटक सरकार ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म की मान्यता देते हुए उन्हें अल्पसंख्यक दर्जा प्रदान कर दिया है। इससे पहले कर्नाटक कैबिनेट ने सोमवार को इस समुदाय को अलग धर्म की मान्यता देने को लेकर एक फैसले को मंजूरी दी थी। राज्य में यह समुदाय लंबे समय से अपने को हिंदू धर्म से अलग एक स्वतंत्र धार्मिक पहचान की मान्यता देने की मांग कर रहा था।
इस बीच, राज्य में लिंगायत को अलग धर्म की मान्यता देने के खिलाफ आवाज उठने लगी हैं। ऑल इंडिया वीरशैव महासभा ने शुक्रवार को राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उसने इस तरह का फैसला किया है। वीरशैव महासभा का कहना है कि अगर सरकार को समुदाय की चिंता है तो उन्हें कहना चाहिए कि वीरशैव और लिंगायत एक हैं। मगर सरकार इसके अलावा सब कुछ कह रही है।
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होने से ठीक पहले कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा दिए जाने की मांग को मान लिया है। इसे लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।