भारत में महज 10 महीने के बच्‍चे को हुआ कोरोना, हालत स्थिर

बताया जाता है कि 10 महीने के इस बच्‍चे को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी, इसी वजह से इसे मेंगलुरु के एक प्राइवेट अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। बच्‍चे की आगे जांच होने पर इसके कोरोना से ग्रस्‍त होने की जानकारी मिली।

Update: 2020-03-27 12:13 GMT

बेंगलुरु: कर्नाटक के दक्षिण कन्‍नड़ जिले में एक 10 महीने के बच्‍चे के कोरोना से संक्रमित होने का मामला सामने आया है। दक्षिण कन्‍नड़ की डेप्‍युटी कमिश्‍नर सिंधु बी रूपेश ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे एक दिन पहले ही जम्‍मू-कश्‍मीर के श्रीनगर से 8 महीने के बच्‍चे के कोरोना पॉजिटिव होने का मामला सामने आया था।

बताया जाता है कि 10 महीने के इस बच्‍चे को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी, इसी वजह से इसे मेंगलुरु के एक प्राइवेट अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। बच्‍चे की आगे जांच होने पर इसके कोरोना से ग्रस्‍त होने की जानकारी मिली।

बच्‍चे की हालत स्थिर

डीसी रूपेश ने जानकारी दी कि इस बच्‍चे के नजदीकी रिश्‍तेदारों को भी निगरानी में रखा गया है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस बच्‍चे को यह संक्रमण कहां से मिला। रूपेश के मुताबिक, बच्‍चे की हालत स्थिर है और इस बात की पूरी एहतियात बरती जा रही है कि कोरोना संक्रमण आसपास के इलाकों में न फैले।

अब तक हुईं 17 मौतें

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के हिसाब से अब तक इसका संक्रमण 724 लोगों तक फैल चुका है। इनमें से 17 लोगों की मौत हो चुकी है और 66 लोग सही होकर घर जा चुके हैं। गुरुवार के दिन करीब 88 नए मामले सामने आए और शाम ये आंकड़ा 694 तक जा पहुंचा था। भारत में महाराष्‍ट्र और केरल में सबसे ज्‍यादा कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कोरोना को रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है। दुनिया भर में अब तक 5.26 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और करीब 24 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।

अभी तक छोटे बच्‍चों के लिए कोरोना घातक नहीं

राहत की बात है कि दुनिया भर में कोरोना छोटे बच्‍चों के लिए जानलेवा साबित नहीं हुआ है। लेकिन एक साल से छोटे बच्‍चे इससे गंभीर तौर पर बीमार पड़ सकते हैं। आमतौर पर कोरोना बुजुर्गों के लिए बहुत घातक माना जा रहा है। महाराष्‍ट्र देश के उन राज्‍यों में से एक है जहां कोरोना के सबसे अधिक मामले पाए गए हैं। यहां के आंकड़े बताते हैं कि वहां आधे मरीज 31से 50 साल के बीच के हैं।

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