BJP ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के लिए चला यह बड़ा दांव, विपक्षी दलों के उड़े होश

कर्नाटक में चुनावी बिगुल बज चुका है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने राजनीतिक दाव खेलना शुरू कर दिया है। इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस जीत के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है।

Update: 2018-04-05 05:29 GMT

कर्नाटक : कर्नाटक में चुनावी बिगुल बज चुका है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने राजनीतिक दाव खेलना शुरू कर दिया है। एक तरफ कांग्रेस ने लिंगायत कार्ड खेलकर बीजेपी को घेरा तो अब उसनेे भी पलटवार करने की पूरी तैयार कर ली है।

दरअसल, इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस जीत के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इस बार कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कुछ संत भी अपनी किस्मत आजमाने वाले हैं। खबर के मुताबिक कम से कम आधा दर्जन संत चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। इस बार के चुनाव में कुछ संत राजनीति के बाजीगरों के साथ दो-दो हाथ करते नज़र आने वाले है।

कर्नाटक में चुनाव के लिए प्रचार प्रसार अभी जोरों पर है। एक तरफ कांग्रेस जहां आरोप लगा रही है कि बीजेपी इन्हें उन जगहों से चुनाव लड़ने के लिए बहका रही है जहां कांग्रेस काफी मजबूत है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी इन संतो को योगी आदित्यनाथ से प्रेरित बताती है।

कांग्रेस को इस बात पर ऐतराज़ नहीं है कि कोई संत चुनाव क्‍यों लड़ना चाहते हैं उन्हें ऐतराज़ बीजपी की मंशा को लेकर है। कैबिनेट मंत्री कृष्णा बैरे गौड़ा का कहना है कि बीजेपी लोगों को इस्तेमाल कर फेंक देती है। हमें इस बात का डर है कि कहीं संतों के साथ भी ऐसा ही सलूक न हो।

वहीं बीजेपी इस बात से इनकार कर रही है कि कांग्रेस के मज़बूत उम्‍मीदवारों के खिलाफ संतो के इस्तेमाल की कोई योजना है। बीजपी सांसद शोभा करनलाजे ने कहा कि अगर हम किसी स्वामी जी को समर्थन दें तो उसमें गलत क्या है। उन्होंने कहा योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। उमा भारती केंद्रीय मंत्री हैं। कई स्वामी संसद में सांसद हैं। मुझे समझ मे नहीं आ रहा कि कांग्रेस ऐसी बेतुकी बातें क्यों करती है।

आपको बता दें कर्नाटक में विधानसभा की कुल 224 सीटें हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 113 है। कर्नाटक में 4.90 करोड़ कुल मतदाता हैं। कर्नाटक में एक ही चरण में 12 मई को वोट डाले जाएंगे और 15 मई को वोटों की गिनती होगी। इसी दिन परिणाम का ऐलान भी किया जाएगा।

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