सिद्धारमैया vs शिवकुमार.. राहुल गांधी किसके साथ तो सोनिया का मिला किसको साथ? कर्नाटक मुख्यमंत्री की रेस में बड़ा अपडेट

डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ही दिल्ली में डटे हुए हैं. कांग्रेस की पर्यवेक्षकों की टीम ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दी है.

Update: 2023-05-16 13:10 GMT

Karnataka CM Race: कर्नाटक में बंपर जीत के बाद कांग्रेस अभी तक फैसला नहीं ले पाई है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ही दिल्ली में डटे हुए हैं. कांग्रेस की पर्यवेक्षकों की टीम ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दी है. इस बीच सूत्रों ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद लिए राहुल गांधी की पसंद उजागर की है.

सूत्रों ने बताया कि ऐसा लगता है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पार्टी सहयोगी डीके शिवकुमार से आगे निकल गए हैं. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अभी भी दो नेताओं के बीच एक मुश्किल विकल्प को लेकर बंटे हुए घर की तरह दिख रहा है.

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया का समर्थन कर रहे हैं. अधिकांश विधायक भी कर्नाटक के शीर्ष पद के लिए सिद्धारमैया का समर्थन कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख डीके शिवकुमार के साथ अच्छे समीकरण हैं.

सूत्रों ने दावा किया कि वर्तमान कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे लड़ाई में पक्ष नहीं ले रहे हैं और निर्णय लेने से पहले परामर्श करेंगे. कांग्रेस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के लिए दोनों में से किसी एक को चुनने की जिम्मेदारी खड़गे को दी है. वहीं, कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक में पार्टी के मामलों के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने भी अध्यक्ष के फैसले के इंतजार के लिए कहा है.

इससे पहले मंगलवार को राहुल गांधी कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की. इस बैठक में सुरजेवाला भी मौजूद थे, लेकिन अभी तक दोनों ही नेताओं ने किसी भी नाम का खुलासा नहीं किया है. बता दें कि सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों ने कर्नाटक चुनावों में कांग्रेस की जीत में समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें पार्टी ने 224 विधानसभा सीटों में से 135 सीटें जीतीं और भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया.


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