Karnataka Elections 2023: कर्नाटक में टिकट बंटवारे और आरक्षण पर जंग! बीजेपी और कांग्रेस ने एक दूसरे पर लगाए ये आरोप
बता दें कि कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर ने कर्नाटक चुनाव के लिए अब तक क्रमश: 166 और 93 उम्मीदवारों की घोषणा की है।
Karnataka Elections 2023: कर्नाटक में चुनावी लड़ाई के बीच बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने शुक्रवार को एक-दूसरे पर कटाक्ष किया। राज्य में विधानसभा चुनाव के मतदान के लिए करीब एक महीने का समय रह गया है। ऐसे में दोनों मुख्य पार्टियों ने चुनाव प्रचार भी तेज कर दिया है। बता दें कि कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर ने कर्नाटक चुनाव के लिए अब तक क्रमश: 166 और 93 उम्मीदवारों की घोषणा की है।
कांग्रेस ने अपने आधे से अधिक उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। उधर, भाजपा की एक भी प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। इसे लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर ताना मारा तो वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्षी दल के पास कई सीटों पर उम्मीदवार ही नहीं थे और जिन उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है उनमें से कई ऐसे हैं जो पहले दूसरी पार्टी में थे।
बोम्मई बोले- 10 अप्रैल को होगा प्रत्याशियों के नाम का ऐलान
राज्य में अपने प्रत्याशियों को लेकर मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उम्मीदवारों का फैसला करेगा और राज्य इकाई नामों के एक पैनल की सिफारिश करेगी उन्होंने कहा, "हम 8-9 अप्रैल को बैठक करेंगे और जाहिर तौर पर 10 अप्रैल को टिकट बांटे जाएंगे। उन्होंने कहा कि टिकट चयन की प्रक्रिया नियमानुसार चल रही है। हमने लगातार तीन दिनों तक बैठक की और नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं की राय ली। उन्होंने कहा कि अंतिम सूची तैयार कर ली गई है जिसमें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए 3 नामों को मंजूरी दी गई है।
बोम्मई ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि उनकी सरकार आने के बाद वे पिछड़े वर्गों की सूची में अल्पसंख्यकों के आरक्षण के संबंध में भाजपा सरकार के फैसले को रद्द कर देंगे। बोम्मई ने कहा, "वे इसे छू नहीं सकते, देखते हैं कि वे क्या कर सकते हैं।"
सिद्धारमैया बोले- 224 में से 130 सीटों पर जीत दर्ज करेगी कांग्रेस
कांग्रेस के चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि पार्टी को 224 सीटों में से कम से कम 130 सीटों पर जीत की उम्मीद है। न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि मैं वरुणा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहा हूं क्योंकि मेरा पैतृक गांव इस निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह मेरा आखिरी चुनाव होगा। मैं चुनावी राजनीति से संन्यास ले लूंगा। डीके शिवकुमार (कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष) के साथ मेरे संबंध सौहार्दपूर्ण हैं। कोई मतभेद नहीं हैं। बेशक, लोकतंत्र में मतभेद मौजूद हैं लेकिन यह पार्टी के हितों के लिए हानिकारक नहीं है।
उन्होंने कहा, "हम इस बार 130 से अधिक सीटों की उम्मीद कर रहे हैं और कांग्रेस पार्टी अपने दम पर पर्याप्त बहुमत के साथ सत्ता में आएगी। लोगों ने सरकार बदलने का फैसला किया है।" सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा एक संप्रदायवादी पार्टी है। हमारी एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। कर्नाटक के लोगों के बीच कोई असमानता नहीं हो सकती। मैं सभी मनुष्यों के साथ समान व्यवहार करता हूं चाहे वे हिंदू, मुस्लिम, ईसाई या किसी अन्य समुदाय या धर्म के हों।
सिद्धारमैया बोले- वोक्कालिगा और लिंगायत के आरक्षण पर आपत्ति नहीं
सिद्धारमैया ने कहा कि बसवराज बोम्मई कन्नडिगाओं के हितों की रक्षा करने में बुरी तरह विफल रहे। मोदी और शाह वोट लेने के लिए कर्नाटक आ रहे हैं और दावा करते हैं कि यह एक डबल इंजन सरकार है। सिद्धारमैया ने आरक्षण पर भाजपा के कदम को लेकर भी निशाना साधा। कहा कि आरक्षण का पुनर्वर्गीकरण उचित नहीं है, संवैधानिक नहीं है। यह मान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें वोक्कालिगा और लिंगायत के आरक्षण को बढ़ाने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन आपने मुसलमानों के आरक्षण को क्यों समाप्त कर दिया? यह स्पष्ट रूप से बदले की भावना, नफरत को दर्शाता है।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वह वरुणा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं क्योंकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इसे मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि मैं चुनाव लड़ने में दिलचस्पी रखता हूं, लेकिन कोलार के लोग चाहते हैं कि मैं वहां से चुनाव लड़ूं।"
डीके शिवकुमार ने भी भाजपा पर बोला हमला
डीके शिवकुमार ने भाजपा पर कटाक्ष किया और कहा कि कांग्रेस ने राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की दो सूचियां जारी की हैं, लेकिन भाजपा अपनी पहली सूची भी जारी नहीं कर पाई है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस कर्नाटक में सरकार बनाती है तो वह पिछड़े वर्ग की सूची से धार्मिक अल्पसंख्यकों को हटाने के भाजपा सरकार के फैसले को बदल देगी, जिसके तहत उन्हें चार प्रतिशत आरक्षण मिला था।
कर्नाटक भाजपा ने शिवकुमार पर किया पलटवार
उधऱ, कर्नाटक भाजपा ने भी शिवकुमार पर पलटवार किया। पार्टी ने एक ट्वीट में कहा, "डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि हम वोक्कालिगा, वीरशैव-लिंगायत, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को दिए गए आरक्षण को रद्द कर देंगे। तुष्टिकरण की राजनीति के लिए, इन समुदायों के अधिकार को छिनने के लिए कांग्रेस कर्नाटक को जनता दंडित करेगी।"
सुरजेवाला बोले- सीएम अपनी सीट से ही नहीं लड़ना चाहते
वहीं, कर्नाटक के प्रभारी कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दहशत में है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई अपनी सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं और उनके मंत्री भी अपनी सीटों से चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। सभी अपनी सीटों से भाग रहे हैं। कोई भी चुनाव नहीं लड़ना चाहता है।
टिकट बंटवारे को लेकर क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री?
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा चुनाव के टिकट बांटते समय सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हमेशा युवाओं और महिलाओं को बहुत मौके दिए हैं और सामाजिक न्याय बनाए रखा है। इन सबसे ऊपर हमने हमेशा पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी है। इसलिए पार्टी अन्य सभी पार्टियों से अलग हैं। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस के पास अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में स्पष्टता नहीं है।
सुधाकर ने कहा कि कांग्रेस के पास कोई स्पष्टता नहीं है कि सीएम चेहरा कौन बनेगा। हमारे पास स्पष्टता है, हमारे पास है हमारे पीएम जिनके मार्गदर्शन में सरकार चलेगी और हमारे पास एक सक्षम, कुशल सीएम बसवराज बोम्मई हैं जो अभियान समिति के अध्यक्ष भी हैं। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को एक चरण में होंगे और वोटों की गिनती 13 मई को होगी।