कर्नाटक News : हिजाब पर बढ़ता जा रहा है विवाद, छात्रों ने तिरंगे की जगह लगाया भगवा झंडा
कर्नाटक में हिजाब बैन को लेकर उठे विवाद के बीच अब एक वीडियो सामने आया है, जिसमें शिमोगा के एक कॉलेज में एक लड़के को पोल पर चढ़ते और भगवा झंडा फहराते हुए दिखाया गया है, छात्र ने कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज को हटाकर भगवा झंडा लगा दिया...
कर्नाटक में हिजाब पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है| इस कड़ी में अब कर्नाटक में हिजाब बैन को लेकर उठे विवाद के बीच अब एक वीडियो सामने आया है, जिसमें शिमोगा के एक कॉलेज में एक लड़के को पोल पर चढ़ते और भगवा झंडा फहराते हुए दिखाया गया है। छात्र ने कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज को हटाकर भगवा झंडा लगा दिया। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक छात्र ऊपर भगवा झंडा लगा रहा है तो बाकी छात्र नीचे जयकार करते दिख रहे हैं। वहां जमा हुए अधिकांश छात्र भगवा झंडे या स्टोल लहरा रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिमोगा में मंगलवार सुबह पथराव की घटना के बाद धारा 144 लागू कर दी गई है। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा है कि "कर्नाटक के कुछ शैक्षणिक संस्थानों में स्थिति इतनी खराब हो गई है कि एक मामले में राष्ट्रीय ध्वज को भगवा ध्वज से बदल दिया गया। मुझे लगता है कि प्रभावित संस्थानों को कानून और व्यवस्था बहाल करने के लिए एक सप्ताह तक बंद कर दिया जाना चाहिए। पढ़ाई ऑनलाइन जारी रह सकती है।"
बता दें कि इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा हिजाब विवाद पर मामले की सुनवाई और हिजाब पहनने को लेकर छात्रों और सरकार के बीच आमना-सामना के साथ, विरोध और तेज हो गया है। कर्नाटक में हाई कोर्ट में सुनवाई से पहले मंगलवार को भगवा शॉल और हिजाब पहने छात्रों के बीच एक कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। बागलकोट में पथराव के बाद विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
यह है पूरा मामला
बता दें कि कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब उडुपी में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से क्लास में एंट्री नहीं दी गई थी। कॉलेज का कहना था कि यहां पर एक यूनिफॉर्म लागू है तो अलग ड्रेस पहनकर आने वाले लोगों को कॉलेज में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिसके बाद उन लड़कियों ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। उनका तर्क है कि इस तरह से हिजाब न पहनने देना मौलिक अधिकारों का हनन है और आर्टिकल 14 और 25 का उल्लंघन है।