लॉकडाउन समस्या का समाधान नहीं, छोटे दुकानदार ,गरीब और मजदूरों की परेशानी बढ़ी
कलेक्टर से मिलेंगे वामपंथी जनवादी संगठनों के पदाधिकारी
इंदौर। वामपंथी समाजवादी पार्टियों और उनसे जुड़े किसान- मजदूर संगठनों का मानना है कि बढ़ते कोरोना की समस्या का समाधान लॉकडाउन नहीं है बल्कि आम जनता को समझाइश से ही इस समस्या से लड़ा जा सकता है । प्रशासन ने केवल भाजपा नेताओं के कहने पर लॉक डाउन की समय सीमा बढ़ा दी है ।अचानक हुए लाकडाउन से छोटे दुकानदार, फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले गरीब और मजदूर परेशान हैं। उनकी वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन को करना चाहिए ।आज हुई सीपीआई, सीपीएम, एस यू सी आई और सोशलिस्ट पार्टी के पदाधिकारियों तथा एचएमएस, सी टू तथा एटक के नेताओं की बैठक में शहर के बिगड़ते हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रशासन से मांग की गई कि जिस तरह से सब्जी और किराना व्यापारियों को छूट दी गई है, उसी तरह से सीमित समय के लिए सभी दुकानदारों और ठेला फुटपाथ पर धंधा करने वालों तथा फुटकर मजदूरी करने वालों को भी छूट दी जाए ।
बैठक में पुलिस और नगर निगम कर्मचारियों द्वारा आम गरीब और नागरिकों के साथ हिटलरी व्यवहार की निंदा की गई तथा मांग की गई कि शहर में प्रशासन मानवीयता बरतें तथा गरीबों को बेजा तरीके से परेशान करना बंद करें ।
बैठक में सर्वश्री अरुण चौहान ,रूद्र पाल यादव, सोहनलाल शिंदे, रामस्वरूप मंत्री, कैलाश लिंबोदिया, प्रमोद नामदेव, हरि ओम सूर्यवंशी, सीएल सरावत , भागीरथ कछवाय, माता प्रसाद मौर्य सहित विभिन्न जन संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे ।
पदाधिकारियों का कहना था कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को अस्पतालों की व्यवस्था करना चाहिए तथा निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों और उनके परिजनों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार और लूटखोरी को रोका जाना चाहिए । सरकार और प्रशासन का कर्तव्य है कि लोगों को इलाज उपलब्ध कराएं, प्रशासन इसके बजाय डर पैदा कर रहा है और मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ रहा है । इन सब बातों को लेकर सभी वामपंथी समाजवादी पार्टी और जन संगठनों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी कलेक्टर से मुलाकात करेंगे तथा जनता की समस्याओं से अवगत करा कर इलाज की समुचित व्यवस्था तथा लॉकडाउन में सभी व्यापारियों से समान व्यवहार की मांग करेंगे ।