स्टूडेंट्स अपनी जिंदगी में सफल होना चाहते हैं, तो उन्हें अपने जीवन का उद्देश्य समझना जरूरी है। सफलता पाने के लिए जिज्ञासा, धैर्य, एकाग्रता और लर्निंग बेहद जरूरी है। ये बात हिंदी के जाने माने कवि कुमार विश्वास ने युवाओं के बीच कही। एकेडमी के छात्रों को मोटिवेशनल स्पीच देने आए कुमार विश्वास ने हमारे देश की संस्कृति और धर्मशास्त्रों के लोकप्रिय पात्रों का उदाहरण देकर जिज्ञासा, धैर्य, एकाग्रता और सीखने की इच्छा के साथ ही लीडरशिप क्वालिटी के बारे में बताया।
मानस भवन में युवाओं को उद्बोधित कर रहे कुमार विश्वास ने भगवान राम का उदाहरण धैर्य के लिए दिया। उन्होंने बताया कि भगवान राम की तरह धैर्य किसी में नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यहां हनुमान जी का उदाहरण जिज्ञासा के लिए दिया। सुग्रीव का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी वंचित को साथ लेकर चलना ज्यादा अच्छा है। अर्जुन की तरह एकाग्र होना चाहिए।
पूरी दुनिया घूमिये, जो भेड़ाघाट में अपनत्व है, मां नर्मदा का जो सौंदर्य है, आपको लगता है कि संगमरमर की चट्टानें आपसे बात करती हैं, आपको लगता है वहां जो मांझी है, जो मल्हार है वो जबलपुरी भाषा में बात करता है। वो भाषा का लालित्य वो लय वो लास्य बहुत मुश्किल है। मेरे लिए जबलपुर निजी रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। जब मैं ग्रेजुएशन कर रहा था। ग्रेजुएशन के पहले साल में ही शहर के तमरहाई में हुए कवि सम्मेलन में मैंने हिस्सा लिया था। इसमें कई बड़े कवियों के साथ मंच साझा किया और लोगों ने मुझे बहुत प्यार से सुना।