खुली सिगरेट-बीड़ी पर प्रतिबंध लगाने वाला देश का पहला राज्य बना महाराष्ट्र

सिगरेट और दूसरे तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन और खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है.

Update: 2020-09-27 12:34 GMT

महाराष्ट्र खुली सिगरेट-बीड़ी की बिक्री पर बैन लगाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. गुरुवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यह सर्कुलर जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि कानून के मुताबिक सिगरेट-बीड़ी समेत सभी तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर स्वास्थ्य चेतावनी लिखना अनिवार्य है.

सिगरेट और दूसरे तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन और खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई है. 2003 के एक्ट के मुताबिक राज्य में खुली सिगरेट और बीड़ी की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. यह सर्कुलर स्वास्थ्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी प्रदीप व्यास की तरफ से जारी किया गया है.

खुली सिगरेट खरीदने पर नहीं दिखती स्वास्थ्य चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग (Health Department) का कहना है कि जब लोग खुली सिगरेट और बीड़ी खरीदते हैं, तो वे पैकेट पर लिखी चेतावनी नहीं देख पाते, और स्मोकिंग से कैंसर और दूसरी स्वास्थ्य संबंधित बीमारियां होती हैं, इसलिए सरकार ने खुली सिगरेट, बीड़ी की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध (Ban)लगाने का फैसला किया है.

टाटा मेमोरियल अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉक्टर पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि सरकार के इस ऑर्डर के बाद से युवाओं में स्मोंकिंग (Smoking) की आदत कम होगी. भारत में 16 से 17 साल के युवाओं में स्मोकिंग की आदत सबसे ज्यादा है, उनके पास बहुत ज्यादा पैसे नहीं होते, इसलिए वह पैकेट की वजाय खुली सिगरेट (Loose Cigarette) खरीदते हैं,. उन्होंने कहा कि खुली सिगरेट खरीदने वालों को कभी भी तंबाकू उत्पादों पर लगाए जाने वाले ज्यादा टैक्स की तकलीफ महसूस नहीं होती.

खुली सिगरेट लेने वालों को नहीं होती ज्यादा टैक्स की तकलीफ

एक स्टडी से पता चला है कि 10 प्रतिशत टैक्स बढ़ाने से धूम्रपान करने वालों की संख्या में 8 प्रतिशत की कमी आएगी. अगर लोगों को एक ही सिगरेट खरीदने की आजादी होगी, तो वे ज्यादा टैक्स की परेशानी कभी नहीं समझेंगे. डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि ग्लोबल टोबैको यूथ सर्वे 2016 के मुताबिकत महाराष्ट्र में धूम्रपान दर देश में सबसे कम है.

बतादें कि तंबाकू उत्पादों से दुनियाभर में हर साल 80 लाख लोगों की मौत हो रही है. इनमें 70 लाख मौतें सीधे तौर पर तंबाकू लेने वालों की हो रही हैं. मरने वालों में करीब 12 लाख लोग एसे हैं, जो सीधे तौर पर स्मोकिंग नहीं करते, लेकिन स्मोकिंग करने वालों के आसपास रहते हैं.

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