अमरावती हत्याकांड में बड़ा खुलासा, मर्डर में सामने आया WhatsApp और नूपुर शर्मा का ये कनेक्शन
राजस्थान के उदयपुर में दर्जी की निर्मम हत्या के बाद महाराष्ट्र के अमरावती के उमेश कोल्हे हत्याकांड ने पूरे देश को चौंका दिया है. अमरावती में हुई उमेश कोल्हे की हत्या में भी नूपुर शर्मा के समर्थन की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. इस बीच मृतक उमेश के भाई ने हत्या से जुड़े कई खुलासे किए हैं.
उमेश के भाई महेश कोल्हे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि 21 जून की रात मेरा भाई दुकान बंद कर घर जाने की तैयारी कर रहा था, तभी हमलावरों ने उसे घेर लिया. हमलावरों ने उमेश पर चाकुओं से कई वार किए. मेरे वहां पहुंचने तक उसकी मौत हो चुकी थी.
हत्या की वजह पूछने पर महेश कोल्हे ने कहा कि हमें अभी उसकी हत्या के पीछे वजह के बारे में कोई जानकार नहीं मिल सकी है. उसने हमें कभी धमकी मिलने के बारे में भी नहीं बताया. उसने नुपुर शर्मा को लेकर कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों में मैसेज फॉरवर्ड किए थे. उसने ये मैसेज ग्रुप में ही किए थे, व्यक्तिगत रूप से किसी को फॉरवर्ड नहीं किया था.
बता दें कि भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले दर्जी कन्हैयालाल को कुछ दिनों पहले बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था. हत्यारों ने पूरी वारदात का वीडियो भी बनाया था. अब महाराष्ट्र के अमरावती में ऐसी ही घटना को दोहराने की कथित कोशिश की गई है. 54 वर्षीय केमिस्ट उमेश कोल्हे को नूपुर के समर्थन मौत के घाट उतार दिया गया.
भाजपा नेताओं का गंभीर आरोप
स्थानीय भाजपा नेताओं ने उमेश प्रहलादराव कोल्हे की हत्या पर पुलिस को एक पत्र सौंपा है, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्हें दला लेने और एक उदाहरण स्थापित करने के लिए मारा गया. पुलिस ने भाजपा नेताओं के पत्र के बारे में पुष्टि की है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
व्हाट्सऐप मैसेज हत्या की वजह?
कोल्हे अमरावती शहर में एक मेडिकल स्टोर चलाते थे. उन्होंने कथित तौर पर नूपुर शर्मा के समर्थन में कुछ व्हाट्सएप ग्रुपों पर एक पोस्ट शेयर किया था. उन्होंने गलती से पोस्ट को एक व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर दिया था जिसमें कुछ मुस्लिम सदस्य भी थे, जिसमें उनके ग्राहक भी शामिल थे.