चश्मदीद ने बताया जब कैसे कुचल कर चली गई ट्रेन और में कुछ नहीं कर सका!

औरंगाबाद रेल हादसे के चश्मदीद ने बताया कि झपकी लगने के थोड़ी देर बाद ट्रेन आ गई. हम लोगों ने सुना तो वहां से दौड़कर आए. रेलवे लाइन पर मौजूद मजदूरों को आवाज दी लेकिन वो लोग सुन नहीं पाए और ट्रेन फिर उन पर से निकल गई.

Update: 2020-05-08 13:11 GMT

कोरोना वायरस के संकट के कारण देश में लॉकडाउन लागू है. इस बीच महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बदनापुर-करमाड रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह एक मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 मजदूरों की मौत हो गई है और कई घायल हो गए. हादसे के चश्मदीद ने बताया कि ट्रेन के शोर में वह अपने साथियों को बचा नहीं पाया.

लॉकडाउन के कारण कई मजदूर पैदल ही दूसरे राज्यों से अपने घरों की तरफ चल निकले हैं. औरंगाबाद में ट्रेन की चपेट में आने वाले मजदूर भी ऐसे ही मजदूर थे, जो अपने घर की तरफ पैदल ही निकल पड़े थे, लेकिन रास्ते में ही 16 मजदूर रेल हादसे का शिकार हो गए.

औरंगाबाद में हुए रेल हादसे के बारे में चश्मदीद ने बताया कि सभी मजदूर शाम से पैदल चल रहे थे. पैर दर्द करने लगा तो आराम करने लगे. जिनकी मौत हुई, उन लोगों से हम पीछे थे. वे लोग आगे थे और रेलवे लाइन पर बैठ गए, जहां उनको झपकी लग गई.

औरंगाबाद रेल हादसे के चश्मदीद ने बताया कि झपकी लगने के थोड़ी देर बाद ट्रेन आ गई. हम लोगों ने सुना तो वहां से दौड़कर आए. रेलवे लाइन पर मौजूद मजदूरों को आवाज दी लेकिन वो लोग सुन नहीं पाए और ट्रेन फिर उन पर से निकल गई.

जांच के आदेश

भारतीय रेलवे के मुताबिक, जिन मजदूरों की मौत हुई है, वो सभी मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और महाराष्ट्र के जालना में एसआरजी कंपनी में कार्यरत थे. 5 मई को इन सभी मजदूरों ने जालना से अपना सफर शुरू किया, पहले ये सभी सड़क के रास्ते आ रहे थे लेकिन औरंगाबाद के पास आते हुए इन्होंने रेलवे ट्रैक के साथ चलना शुरू किया. हादसे के बाद रेल मंत्रालय की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं. 

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