उद्धव ठाकरे को वंशवाद का नमूना बता बोलीं कंगना रनौत- शिवसेना अब सोनिया सेना

कंगना ने ट्वीट के जरिए बिना नाम लिए उद्धव ठाकरे को वंशवाद का नमूना बताया है।

Update: 2020-09-10 07:52 GMT

मुंबई : कंगना रनौत और शिवसेना के बीच तकरार बढ़ती ही जा रही है। मुंबई स्थित कंगना रनौत के दफ्तर पर बीएमसी की जेसीबी चलने और तोड़फोड़ किए जाने के बाद से कंगना और भी ज्यादा आक्रामक हो गई हैं। दफ्तर पर बीएमसी के बुलडोजर चलने के बाद से कंगना रनौत लगातार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमलावर हैं। कंगना ने इस बार ट्वीट के जरिए बिना नाम लिए उद्धव ठाकरे को वंशवाद का नमूना बताया है और साथ ही शिवसेना को सोनिया सेना बताया है।

गुरुवार को अपने लेटेस्ट ट्वीट में कंगना ने कहा, 'जिस विचारधारा पर बाला साहेब ठाकरे ने शिव सेना का निर्माण किया था, आज वो सत्ता के लिए उसी विचारधारा को बेच कर शिव सेना से सोनिया सेना बन चुके हैं। जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा, उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।'

कंगना ने एक और ट्वीट किया जिसमें उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना बड़ा हमला बोला। उन्होंने लिखा, 'तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हें दौलत तो दे सकते हैं, मगर सम्मान तुम्हें खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुंह बंद करोगे मगर मेरी आवाज मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुंह बंद करोगे? कितनी आवाज़ें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हों सिर्फ़ वंशवाद का एक नमूना हो।'




इससे पहले भी बुधवार को कंगना ने उद्धव ठाकरे पर हमला बोला था। दफ्तर ध्वस्त किए जाने के बाद कंगना ने एक वीडियो जारी किया और कहा था- आज मेरा घर टूटा है, कल उद्धव ठाकरे का घमंड टूटेगा। ये वक्त का पहिया है, याद रखना, हमेशा एक जैसा नहीं रहता। मुझे लगता है कि तुमने मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है। क्योंकि मुझे पता तो था कि कश्मीरी पंडितों पर क्या बीती होगी। आज मैंने महसूस किया है और आज मैं इस देश को वचन देती हूं कि मैं सिर्फ अयोध्या पर ही नहीं, कश्मीर पर भी एक फिल्म बनाऊंगी। उद्धव ठाकरे ये जो क्रूरता और ये जो आतंक है। अच्छा हुआ कि ये मेरे साथ हुआ। क्योंकि इसके कुछ मायने हैं।

बता दें कि मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से करने के बाद से ही कंगना और शिवसेना में तकरार जारी है। बुधवार को उनके पहुंचने से पहले ही बीएमसी ने कंगना का दफ्तर ध्वस्त कर दिया। हालांकि, बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दिया और जवाब तलब किया है।

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