हमारा भारत महान है, लेकिन यह नहीं होना था....

Update: 2020-04-29 02:53 GMT

कोई 10 दिन पहले हमने प्रवासी मजदूरों के लिए एक शिविर चलाने की पेशकश की। इसके लिए हमने अधिकारियों से जगह की मांग की।

संजय कुमार सिंह 

देश में सबसे ज्यादा कोरोना का प्रकोप महाराष्ट्र में है उसमेंभी सबसे ज्यादा संकट मुंबई में है, ऐसे में मुंबई म्युनिस्पिल कारपोरेशन ने जो समस्या मजदूरों और कमजोर तबके के सामने तैयार कर दी है वो वाकई परेशानी का सबब है. 

जाहिर है कि बीएमसी ने ऐसे काम के लिए कुछ जगह किराए पर लिए हैं और वे अनुपयुक्त पड़े हैं।

ऐसी ही एक जगह हमें देने का वादा किया गया था।

लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इसके लिए हमसे रिश्वत मांगी ।

तब हमने उनसे कह दिया कि भाग जाओ। वे गिद्ध हो सकते हैं, हम नहीं हैं।

जगह खाली पड़ी है। यह 5000 से 7000 लोगों के लिए उपयुक्त है। लेकिन उन्हें नहीं पता है कि इसका उपयोग कैसे करें।

और चूंकि किसी को भी फालतू पैसा नहीं दिया जा रहा है, जगह का उपयोग करने में अधिकारियों की कोई दिलचस्पी नहीं है ....

वे उसी परिसर के लिए किराया दे रहे हैं क्योंकि यह एक निजी पार्टी से किराए पर लिया गया है.....

अगर यह सामान्य समय होता और आना-जाना संभव होता तो हम आरटीआई आदि दाखिल करके उनसे लड़ते। लेकिन इन दिनों हमारी खुद की गतिशीलता शून्य है।

हम 5000 प्रवासी श्रमिकों के रहने की व्यवस्था कर सकते थे। उन्हें साफ-सफाई से खुले में, सुरक्षित, संक्रमण मुक्त सुविधाएं, भोजन आदि देते और उन्हें अपने गांव जाने के लिए तैयार रखते। संबंधित डाटा तैयार कर देते।

लेकिन यह होना नहीं था....

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