नासिक से नहीं पकड़ा गया उमेश पाल मर्डर का बमबाज गुड्डू मुस्लिम, वो निकला गुड्डू
उमेश पाल मर्डर केस (Umesh Pal Murder Case) को सुलझाने में जुटी यूपी एसटीएफ (UP STF) को बड़ी कामयाबी मिली है. सूत्रों के मुताबिक, यूपी एसटीएफ ने बमबाज गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) को पकड़ लिया है. गुड्डू मुस्लिम उमेश पाल मर्डर केस का आरोपी है. गुड्डू मुस्लिम महाराष्ट्र के नासिक (Nasik) में छिपा हुआ था. जब उससे जानकारी की तो वो गुड्डू नाम वाला व्यक्ति निकला .
इस मुद्दे नासिक पुलिस ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि जो न्यूज़ वायरल हो रही है वह पूरी तरह से निराधार है। दरअसल दिल्ली पुलिस की एक टीम हथियार से जुड़े एक मामले में वेलकम होटल में काम करने वाले एक वेटर से पूछताछ करने आई थी। देर रात उसे पूछताछ कर उन्होंने वेटर को छोड़ दिया। एक गैंगस्टर के मोबाइल पर इस वेटर का कॉल आया था। वेटर ने बताया कि उसने मिस्ड कॉल वाले नंबर पर दोबारा कॉल किया तो सामने वाले ने गलती से नंबर डायल करने की बात बताई। बस इतनी ही बातचीत एक कॉल पर हुई थी। इस पूछताछ के बाद वेटर को जाने दिया गया। ख़ास बात यह है कि शख्स गुड्डू मुस्लिम नहीं है। इसके अलावा यूपी एसटीएफ की किसी टीम ने अब तक हमसे कोई संपर्क नहीं किया है।
कौन हैं गुड्डू मुस्लिम
उमेश पाल शूट आउट के बाद से ही सोशल मीडिया पर गुड्डू मुस्लिम का नाम छाया हुआ है। सोशल मीडिया में वायरल सीसीटीवी फुटेज में बाइक के पीछे बैठकर आया सफेद कमीज पहने भारी कद काठी के बमबाज को लोग बार बार देख रहे हैं। उसके बमबाजी के तरीके पर लोग हैरान हैं। सबकी नजर उसी बमबाज गुड्डू मुस्लिम पर जा रही है। वह बड़े आराम से झोले से बम निकाल पर ऐसे इधर-उधर उछाल रहा जैसे रबर की गेंद फेंक रहा हो। लेकिन उसकी आक्रमकता भी लोगों ने देखा। जब उमेश पाल को गोली लगी तो वह गिर गए। कुछ देर में वह उठकर घर की गली की तरफ भागे तो गुड्डू मुस्लिम ने कूद कर उनकी तरफ बम फेंका। और घर के अंदर तक घुस कर बमबाजी। गली दीवार और घायलों पर बम फेकें।
जानकारों का कहना है गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद का एक रिमोट ट्रिगर है जो अचूक है। वैसे गुड्डू मुस्लिम को जरायम की दुनिया में हथछूट बमबाज के रूप में जानते हैं। बाइक पर चलते-चलते बम बांधना, टारगेट पर फेंकना इसके बायें हाथ का काम है। करीब दो दशक से गुड्डू मुस्लिम अतीक अहमद के साथ है। कदकाठी के साथ ही अतीक गैंग में उसका कद भी बढ़ता गया। गुड्डू मुस्लिम ने जुर्म की दुनिया में दो दशक पहले काफी कदम रखा था। यह कुख्यात हिस्ट्रीशीटर श्रीप्रकाश शुक्ला का शागिर्द रहा है। कई बड़े बाहुबलियों के लिए काम किया है। लखनऊ में रेलवे, मोबाइल टॉवर के टेंडर उठवाने अपने आका की मदद करता था। इसके अलावा उसने रियल एस्टेट के कारोबार में भी हाथ आजमाया।