उद्धव ने अपने मुखपत्र 'सामना' के जरिये देवेंद्र फडणवीस को दे रहे है ये सीख तो भाजपा पर कसा तंज

Update: 2019-12-02 07:17 GMT

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए बीजेपी और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा है कि फडणवीस विपक्ष में रहने की आदत डाल लें क्योंकि यह सरकार पांच साल चलेगी और 170 की संख्या बरकरार रहेगी। उन्होंने कहा है कि यह सरकार कानूनी मार्ग से सत्ता में आई है, विपक्ष याद रखे।

शिवसेना ने सामना में लिखा है कि विधानसभा स्पीकर पद पर नाना पटोले की नियुक्ति बीजेपी के लिए सबसे बड़ा तमाचा है। केन्द्र की बीजेपी सरकार के विरोध में बगावत करके और सांसद के पद से इस्तीफा देकर नाना पटोले ने क्रांतिवीर के रूप में अपना नाम दर्ज कराया है। केन्द्र सरकार में किसी को बोलने नहीं दिया जाता है ऐसा पटोले का कहना है और अब विधानसभा में फडणवीस को बोलने देना है या नहीं यह पटोले तय करेंगे।

सामना में लिखा है कि बहुमत न होने के बाद भी महाराष्ट्र को अंधेरे में रखकर अवैध ढंग से शपथ लेनेवाले मुख्यमंत्री तथा विधानसभा का सामना किए बिना 80 घंटे में चले जाने वाले मुख्यमंत्री ऐसा आपका इतिहास में नाम दर्ज हो चुका है, इसके याद रखो। ये कलंक मिटाना होगा तो विपक्ष के नेता के रूप में वैध काम करें या कम से कम पार्टी में खडसे मास्टर से प्रशिक्षण लें। बहुजन समाज का चेहरा खो गया है तथा जनता उससे दूर चली गई है। आज विपक्ष की हैसियत से जो संख्या उनके इर्द-गिर्द दिख रही है उसे बचाए रखना इसके आगे मुश्किल होगा, ऐसा माहौल है।  

महाराष्ट्र विधानसभा में रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच जुबानी जंग देखने को मिली। इस दौरान ठाकरे ने फडणवीस के चुनाव से पहले किए गए दावे मी पुन्हा येईं (मैं वापस लौटूंगा) पर कटाक्ष किया। साथ ही कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने के बावजूद शिवसेना हिंदुत्व की विचारधारा से नहीं हटेगी।

महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल के नेता फडणवीस को रविवार को विधानसभा में नेता विपक्ष बनाया गया। फडणवीस को मित्र बताते हुए ठाकरे ने कहा कि वह उन्हें विपक्षी नेता के रूप में नहीं देखते हैं। एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने भी फडणवीस पर निशाना साधा। पाटिल ने कहा कि फडणवीस ने कहा कि वह लौटेंगे, लेकिन यह नहीं बताया कि वह कहां बैठेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह वापस लौट आए हैं और इस शीर्ष पद (विपक्ष के नेता) पर काबिज हो रहे हैं जो मुख्यमंत्री पद के समान है। एनसीपी नेता ने विश्वास जताया कि फडणवीस ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार को हटाए जाने के किसी भी प्रयास का हिस्सा नहीं होंगे।

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