दशहरा रैली में गरजे उद्धव ठाकरे, हिंदुत्व से लेकर कंगना रनौत और बिहार चुनाव का किया जिक्र
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा।
मुंबई. रविवार को शिवसेना की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "अब लगभग एकसाल हो चुका है, जिस दिन से मैं सीएम बना हूं, ऐसा कहा जाता है कि राज्य की सरकार गिर जाएगी। मैं चैलेंज करता हूं कि अगर आपमें हिम्मत है तो ये करके दिखाईए।"
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमसे हिंदुत्व को लेकर सवाल किए जाते हैं कि हम महराष्ट्र में मंदिरों को क्यों नहीं खोल रहे हैं। वो कहते हैं कि मेरा हिंदुत्व बाला साहेब के हिंदुत्व से अलग है। आपका हिंदुत्व घंटी और बर्तन बजाने से संबंधित है, हमारा हिंदुत्व वैसा नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में बिहार चुनाव का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, "आप बिहार में फ्री वैक्सीन देने की बात करते हैं, क्या बाकी का हमारा देश पाकिस्तान और बांग्लादेश है? जो ऐसी बाते कर रहे हैं, उन्हें अपने ऊपर शर्म आनी चाहिए?"
उन्होंने आगे कहा, "नीतीश जी सुनो, उन्होने हरियाणा चुनाव के वक्त बिशनोयी को सीएम बनायेंगे कहा था। बिहार में कह रहे हैं मोदी से बैर नहीं, नीतीश तेरी खैर नहीं, यही तरीका है उनका। हमने कहा था भागवत जी को राष्ट्रपति बनाओ, यह हमारी मांग थी लेकिन आपने नहीं सुना, संघ मुक्त भारत कहने वाले नीतीश आपको चलता है, लेकिन हम नहीं। संघ मुक्त भारत कहने वाले नीतीश सेक्युलर हो गए क्या?"
फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "मुंबई को PoK कह रहें हैं, घर पर खाने को नहीं मिलता हैं और यहां मुंबई में आते हैं। ये रावण की औलाद हैं। महाराष्ट्र की बदनामी की जा रही हैं, मुंबई पुलिस निकम्मी हैं, चरस गांजे की खेती होती है। यह कहकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही हैं, हमारे यहां हर घर में तुलसी का पौधा है।"
उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में सुशांत सिंह राजपूत की मौत का जिक्र भी किया. उन्होंने का कि "उसे बिहार का बेटा कह रहें थे लेकिन आप महाराष्ट्र के बेटे का अपमान कर रहें हैं। मुंबई पुलिस इस सच का पता लगा सकती थी, मुंह में गोबर भर भरकर, गोमूत्र भरकर महाराष्ट्र और आदित्य के खिलाफ बोला, बदनामी की लेकिन हमारे हाथ साफ हैं।
बिहार की जनता से अपील करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, "आंखे खोलकर आप मतदान करें। इनके दांव पेचों को समझो। किसे मतदान करो, यह नहीं कहूंगा लेकिन सोच कर वोट करो।"