शिवकुमार मिश्रा
आज वो रजत शर्मा द्वारा होस्ट किया गया इंटरवियू याद आ रहा है। क्या आप बही मोदी जी हो जो इस तरीके से आपने बात करके देश की जनता का दिल जीता था। या आज बदल गये। मोदी जी कहीं आपके बदलने से पहले ये जनता ना बदल जाए, इस बात को याद करके थोडा अपने को बदल लीजिये तो ज्यादा ठीक रहेगा। ये बात ना किसी धर्म को लेकर की जा रही है ना ही किसी जाती को लेकर। ये बात सिर्फ और सिर्फ भारत के स्वाभिमान को लेकर की जा रही है।
ये दोस्ती पाक पीएम नवाज शरीफ की और आपकी केवल दिखावा है या जनता से किये बायदे भी याद है। कल तक सोशल मिडिया पर मथुरा के शहीद हेमराज की पत्नी आपसे पूछती थी। लेकिन आज से सात और बढ़ गए ये पूछने बाले कि हमारे "पति,बेटा" का क्या दोष था। आपका का साक्षात्कार दिया हुआ याद दिला रहा हूँ जिससे की आपके अन्दर की भावना जाग्रत हो इस देश के विरुद्ध बन रही रणनीति को समाप्त कर एक नये सुबह का सभी देश वाशी करें स्वागत की आज भारत से आतंक बाद का खात्मा हो गया।
साडी का आदान प्रदान बहुत होगया शाल भी आ चुकी, जन्मदिन की मुबारकबाद भी दे दी। शादी में भी आप सम्मिलित हुए क्या इसीलिए की आपको अगले सप्ताह रिटर्न गिफ्ट भेज देंगे हम।
आपके द्वारा की गई बातचीत का व्योरा इस प्रकार है
‘रजत शर्माः 26/11 की घटना के समय अगर आप इन्चार्ज होते तो क्या करते?
नरेन्द्र मोदी:
जो मैंने गुजरात में किया वो कर के दिखाता, मुझे देर नहीं लगती। मैं आज भी कहता हूं, पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना चाहिए, ये लव लेटर लिखना बंद कर देना चाहिए। प्रणव मुखर्जी (तत्कालीन रक्षा मंत्री) रोज एक चिट्ठी भेज रहे और वो सवाल भेज रहे, ये जवाब देते फिरते हैं। गुनाह वो करें और जवाब भारत सरकार दे रही है।
रजत शर्मा- लेकिन इंटरनैशनल प्रेशर है, उसका भी तो ख्याल रखना पड़ेगा भारत सरकार को।
नरेन्द्र मोदी:
इंटरनैशनल प्रेशर पैदा करने की ताकत आज हिंदुस्तान में है, 100 करोड़ का देश है। पूरी दुनिया पर प्रेशर आज हम पैदा कर सकते हैं जी। मैं तो हैरान हूं जी, पाकिस्तान हमको मार कर चला गया, पाकिस्तान ने हम पर हमला बोल दिया मुंबई में और हमारे मंत्री जी अमेरिका गए और रोने लगे, ओबामा, ओबामा…पाकिस्तान हमको मार कर चला गया, बचाओ…बचाओ…ये कोई तरीका होता है क्या? पड़ोसी मार कर चला जाए और अमेरिका जाते हो, अरे पाकिस्तान जाओ ना।
रजत शर्माः क्या तरीका होता है?
नरेन्द्र मोदी: पाकिस्तान जिस भाषा में समझे, समझाना चाहिए।’
आखिर क्या मोदी जी भी वैसे ही हो गये जैसे देश के अन्य नेता थे कब जागेगा मोदी जी का पौरुष?