7 राज्यों में किसानों का प्रदर्शन : सडकों पर उतरे किसान, फेंकी सब्जियां और बहाया दूध
मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में किसान संगठनों के एक धड़े ने गांव बंद का ऐलान किया है।
नई दिल्ली : देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने सड़कों पर सब्जियां फेंकी। वहीं मध्यप्रदेश के मंदसौर में दूध और सब्जी की आपूर्ति रोक दी गई है। इसके अलावा महाराष्ट्र के नासिक के पास किसानों ने टमाटर से भरा ट्रक रोक दिया। मंदसौर में ऐलान किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों से दूध आपूर्ति नहीं की जाएंगी और बचे हुए दूध से मिठाई बनाई जाएगी, जिसे गांववालों में बांटा जाएगा।
मपी के मंदसौर में आंदोलन शुरू करने से पहले किसान मंदिर पहुंचे और भगवान का दूध से अभिषेक किया। हालांकि प्रदेश में किसान आंदोलन को लेकर सरकार ने पुख्ता प्रबंध पहले से ही कर लिए थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के संभल में फसलों के वाजिब दाम व किसान आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग को लेकर किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने विरोध करने के लिए सड़क पर दूध बहाया ओर साथ ही टमाटर भी सड़क पर फेंक दिए।
Punjab: Farmers spill milk on the road during their 10 days 'Kisan Avkash' protest, in Ludhiana's Samrala (Earlier visuals) pic.twitter.com/rh7Fp5uVnl
— ANI (@ANI) June 1, 2018
किसान आज दोपहर गवां मार्ग पर खिरनी तिराहे पर इकठ्ठा हुए और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। किसानों का कहना था कि फसलों का वाजिब दाम न मिलने की वजह से किसान बर्बादी की कगार पर हैं। इसके बाद किसानों ने विरोध जताते हुए गांव से लाया गया दूध सड़क पर उड़ेल दिया। इसके बाद टमाटर के सही दाम न मिलने से नाराज कुछ किसानों ने इसी कड़ी में टमाटर भी सड़क पर फेंके।
राजस्थान,
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) June 1, 2018
किसानों द्वारा 1 जून से 10 जून तक गांव बंद आंदोलन शुरू...#FarmersStrike #farmersprotest pic.twitter.com/YSJ0gWGWqu
55 साल की उम्र से ज्यादा के किसानों को 7वें वेतन आयोग के मुताबिक पेंशन (करीब 18 हजार रुपये प्रति माह) देने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में किसान संगठनों के एक धड़े ने गांव बंद का ऐलान किया है। इसी के साथ संपूर्ण कर्ज़माफी, किसानों को लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य, फल और सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की जा रही है।