पीएम मोदी बोले, 'GST से कारोबार को हुए नुकसान पर नजर, काउंसिल कर रही है विचार'
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों की निराशा फैलाने की आदत होती है। निराशा फैलाने वालों की पहचान करना बेहद जरूरी है।
नई दिल्ली : द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया यानी ICSI के गोल्डन जुबली ईयर समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की जरूरत पड़ी तो GST में बदलाव करेंगे और जीएसटी काउंसिल इसपर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि GST से व्यापारियों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार कदम उठाएगी। व्यापारियों को डरने की जरूरत नहीं है। पिछले रिकॉर्ड नहीं खंगाले जाएंगे। हम हालात बदलने के लिए कदम उठा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि बदलती हुई देश की इस अर्थव्यवस्था में अब ईमानदारी को प्रीमियम मिलेगा, ईमानदारों के हितों की सुरक्षा की जाएगी। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार द्वारा लिए गए कदम देश को आने वाले वर्षों में विकास की एक नई लीक में रखने वाले हैं। हमने सुधार से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं और ये प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। देश की आर्थिक स्थिरता को भी बनाए रखा जाएगा। निवेश बढ़ाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए हम हर आवश्यक कदम उठाते रहेंगे।
साथ ही पीएम मोदी ने विकास दर और जीडीपी को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करने वालों पर प्रधानमंत्री मोदी ने पटलवार किया। नाम लिए बिना अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की निराशा फैलाने की आदत होती है। निराशा फैलाने वालों की पहचान करना बेहद जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछली सरकार के 6 साल में 8 बार ऐसे मौके आए जब विकास दर 5.7 प्रतिशत या उससे नीचे गिरी। देश की अर्थव्यवस्था ने ऐसे क्वार्टर्स भी देखे हैं, जब विकास दर 0.2 प्रतिशत, 1.5 प्रतिशत तक गिरी। उन्होंने कहा कि यह सरकार के अथक परिश्रम का परिणाम है कि आज देश की अर्थव्यवस्था कम कैश के साथ चल रही है। नोटबंदी के बाद कैश टू जीडीपी रेसियो अब 9 प्रतिशत पर आ गया है। आठ नवंबर 2016 से पहले ये 12 प्रतिशत से ज्यादा हुआ करता था।