बरमूडा ट्रैंगल का वैज्ञानिकों ने सुलझाया रहस्य, जानिए क्यों गायब हो जाते थे 'जहाज'
बरमूडा ट्रांयगल को रहस्यमयी जगह माना जाता है। यहां बीते 70 सालों से जहाजों और विमानों के गायब होने के बाद यह अंधविश्वास पूरी दुनिया में फैला है कि यहां कोई रहस्य है।
सिडनी: बरमूडा ट्रांयगल को रहस्यमयी जगह माना जाता है। यहां बीते 70 सालों से जहाजों और विमानों के गायब होने के बाद यह अंधविश्वास पूरी दुनिया में फैला है कि यहां कोई रहस्य है। मगर, अब एक ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक ने दावा किया है कि बरमूडा ट्रांयगल में कोई रहस्य नहीं है। बरमूडा ट्रैंगल को शैतान के त्रिकोण के नाम से भी जाना जाता है। यह क्षेत्र उत्तर पश्चिम अटलांटिक महासागर का एक भाग है।
एक बयान में डॉक्टर कार्ल क्रुजेलनेकी ने बताया कि बरमूडा ट्रांयगल में गायब हुए विमानों की संख्या उतनी ही है, जितनी दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रतिशत के आधार पर होती है। इसका एलियंस या लापता हो गए अटलांटिस शहर के फायर-क्रिस्टल से कुछ भी लेना देना नहीं है। इसके बजाय उनका मानना है कि इस क्षेत्र में गायब हुए लोगों के लिए मानवीय त्रुटि जिम्मेदार है।
बरमूडा ट्रैंगल के रहस्य के बारे में ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक ने बताया कि वहां की अलौकिक भौगोलिक स्थिति और खराब मौसम की वजह से अटलांटिक महासागर के उस क्षेत्र में समुद्री विमान और प्लेन गायब हो जाते थे। उस क्षेत्र पर चुंबकीय घनत्व के प्रभाव की बात भी स्वीकार की गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक बरमूडा ट्रैंगल का यह क्षेत्र 700,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह क्षेत्र भूमध्य रेखा के नजदीक है, और अमेरिका के पास है। जहां से काफी ट्रैफिक गुजरता है।