LIVE : नीतीश कुमार ने छठी बार ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, सुशील मोदी बने डेप्युटी सीएम
महागठबंधन सरकार से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को नीतीश कुमार ने राज्य में छठी बार बतौर सीएम पद की शपथ ली। उनके अलावा बीजेपी नेता सुशील मोदी डिप्टी सीएम बने...
पटना : बिहार की राजनीति में पिछले 24 घंटे के अंदर सियासी तस्वीर पूरी तरह बदल गई है। महागठबंधन सरकार से इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को नीतीश कुमार ने राज्य में छठी बार बतौर सीएम पद की शपथ ली। उनके अलावा बीजेपी नेता सुशील मोदी डिप्टी सीएम बने। बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने दोनों को शपथ दिलाई। राज्यपाल ने बहुमत परीक्षण 28 जुलाई को कराने का निर्णय लिया है।
कल तक जो दुश्मन थे, वो दोस्त हो गए और सत्ता में भागीदार भी। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी पर करप्शन के आरोपों का हवाला देकर महागठबंधन को खत्म करने वाले नीतीश ने एनडीए के सहयोग से दोबारा से सरकार बना ली है।
बता दें कि बुधवार शाम को सियासी ड्रामे का अंत कुछ ऐसा ही हुआ कि बिहार की राजनीति में सबकुछ बदल गया। सत्ता पर विराजमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण इस्तीफा दे दिया। लेकिन कुछ ही घंटों बाद बीजेपी के समर्थन से उनकी सत्ता में वापसी भी तय हो गई।
अब जय है बिहार का सियासी गणित?
अब बिहार की सत्ता का सियासी गणित पूरी तरह बदल गया है। 243 सीट वाली बिहार विधानसभा में एनडीए के सहयोग से नीतीश बहुमत के आंकड़े 122 से आगे हैं। जेडीयू के पास 71 विधायक हैं। बीजेपी के 53, एलजेपी के 2, आरएलएसपी के 2 और जीतनराम मांझी की हम के 1 विधायक के सहयोग से सत्ताधारी गठबंधन के पाले में अब कुल 129 विधायक हैं। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश शुक्रवार को ही बहुमत साबित करेंगे। इसके बाद ही बाकी मंत्री शपथ लेंगे।
दूसरी ओर राजद ने तेजस्वी यादव की अगुवाई में देर रात राजभवन तक मार्च किया। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के राज्यपाल के पास संविधान बचाने का ऐतिहासिक मौका है। सरकार बनाने का न्योता नीतीश को देने और शपथ ग्रहण का समय सुबह दस बजे ही कर देने के विरोध में आरजेडी और कांग्रेस के विधायकों ने राजभवन तक मार्च किया। यह मार्च आरजेडी नेता तेजस्वी और तेजप्रताप के नेतृत्व में हुआ. तेजस्वी के साथ पांच आरजेडी नेता राज्यपाल से मिले। पूरे बिहार में आरजेडी आज विरोध प्रदर्शन करेगी।
बता दें कि तेजस्वी ने कहा है कि वह गवर्नर द्वारा नीतीश को सरकार बनाने के लिए बुलाने के फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे। तेजस्वी का तर्क है कि आरजेडी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी, इसलिए उन्हें सरकार बनाने का मौका देना चाहिए था। राजनीतिक जानकार भी यह मानते हैं कि अगर आरजेडी को बीजेपी विरोधी जेडीयू विधायकों का समर्थन मिल जाता तो वह भी सरकार बनाने की स्थिति में होती।