चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइटों पर मोदी सरकार की चली तलवार, स्कूलों में जैमर लगाने पर विचार

केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चाइल्ड पोर्नाेग्राफी के मुद्दे से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं

Update: 2017-07-14 10:43 GMT
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चाइल्ड पोर्नाेग्राफी के मुद्दे से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं और इससे संबद्ध करीब 3,500 वेबसाइटों को पिछले महीने ब्लॉक कर दिया गया है। सरकार ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ को बताया कि उसने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्डे (CBSE) को बाल पोर्नाेग्राफी सामग्री तक पहुंच रोकने के लिये स्कूलों में जैमर लगाने पर विचार करने के लिए कहा है।
वही अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ को बताया कि स्कूल बसों में जैमर लगाना संभव नहीं है। उन्होंने पीठ को बताया कि हमलोग ऐसे कदमों के साथ आ रहे हैं जो ऐसी समग्र स्थिति से निपटेंगे। पिंकी ने कहा कि स्कूल बसों में जैमर संभव नहीं है। ऐसी वेबसाइटों तक पहुंच रोकने के लिए स्कूलों में जैमर लगाया जा सकता है या नहीं, इस संबंध में सरकार ने सीबीएसई को विचार करने के लिए कहा है।
सरकार ने अदालत को बताया कि वह बाल पोर्नाेग्राफी रोकने के लिये उठाये गये कदमों पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी। अदालत ने केंद्र को दो दिनों के अंदर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिये कहा है। शीर्ष अदालत देशभर में बाल पोर्नाेग्राफी के खतरे को रोकने के लिए समुचित कदम उठाने के संबंध में केंद्र को निर्देश देने की मांग वाली एक याचिक पर सुनवाई कर रही थी।

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