वेश्यावृत्ति पर गुजरात हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, जानिए क्या

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Update: 2017-05-06 08:22 GMT
अहमदाबाद : गुजरात हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि अगर कोई सेक्स वर्कर अपनी मर्जी से और बगैर किसी जबरदस्ती के वेश्यावृत्ति में शामिल है तो यह कोई अपराध नहीं है और उस पर कोई मामला नहीं बनता है।

अदालत विनोद पटेल की याचिका की सुनवाई कर रही थी, जो कथित तौर पर 3 जनवरी को सूरत में एक वेश्यालय में गए थे। इसके बाद पुलिस की रेड में पांच सेक्स वर्कर सहित विनोद को भी गिरफ्तार किया था। पटेल पर आईपीसी की धारा 370 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

बता दें कि नशीली दवाओं और हथियारों के कारोबार के बाद मानव तस्करी विश्व भर में तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है। संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार 'किसी व्यक्ति को डराकर, बलप्रयोग कर या दोषपूर्ण तरीके से भर्ती, परिवहन या शरण में रखने की गतिविधि तस्करी की श्रेणी में आती है'।

भारत को एशिया में मानव तस्करी का गढ़ माना जाता है। पिछले एक दशक में, मानव तस्करी के अंदर जो दूसरे मामले दर्ज किए हैं उनमें वेश्यावृत्ति के लिए लड़कियों की बिक्री, विदेश से लड़कियों का आयात एवं वेश्यावृत्ति के लिए लड़कियों की खरीद शामिल है।

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