चौकानें वाला खुलासा, राम रहीम की गुफा में महिलाओं को ऐसे मिलती थी 'माफी'!
राम रहीम के बारे में एक ऐसा खुलासा हुआ जिसे जानकर हर कोई हैरान है, खुद को रॉकस्टार समझने वाले बाबा के डेरे में बलात्कार शब्द का के लिए एक कोड वर्ड था?
नई दिल्ली : डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम अब सलाखों के पीछे है। राम रहीम को 15 साल पुराने रेप के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया। बलात्कार की शिकार उन दो महिलाओं को भी याद रखना होगा, जिनके लंबे संघर्ष की वजह से ही राम रहीम गुनहगार साबित हुए। बलात्कार होने के करीब दस साल बाद तो इन पीड़ित महिलाओं के बयान 2009 और 2010 में दर्ज किए गए। इन महिलाओं ने अपने बयान में उस असहनीय पीड़ा और अपमान का जिक्र किया है, जिसका उन्हें बाबा के आश्रम में सामना करना पड़ा।
बलात्कार के दोषी डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की रासलीला की कई कहानियां निकल कर सामने आ रही हैं। उसका घिनौना चेहरा अब बेनकाब होकर दुनिया के सामने आ चुका है। इसी बीच राम रहीम के बारे में एक ऐसा खुलासा हुआ जिसे जानकर हर कोई हैरान है। दरअसल, बाबा अपनी गुफा में जिस महिला को लेकर जाता था, वहां उसे माफी मिल जाती थी।
ये था माफी का मतलब
खुद को रॉकस्टार समझने वाले बाबा के डेरे में बलात्कार शब्द का के लिए एक कोड वर्ड था। बाबा अपनी गुफा में जिन महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें करता था, उसे गुरमीत राम रहीम की ओर से मिली 'माफी' कहा जाता था। जब भी किसी महिला या युवती को राम रहीम के आवास यानी उसकी गुफा में भेजा जाता था, तो बाबा के चेले उसे 'बाबा की माफी' बताते थे।
सीबीआई जज के सामने शपथ लेकर दिए बयान में साध्वियों ने पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया है। बताया है कि किस तरह 'शक्तिशाली बाबा' उनका और डेरे की अन्य महिलाओं का अपनी 'गुफा' में रेप किया करता था।
आश्रम में बाबा का आवास गुफा कहलाता है। बयानों के मुताबिक, पीड़ितों ने बताया कि बाबा किस तरह अपने रसूख का बखान करते हुए खुद को 'भगवान' बताते थे। साध्वियों ने यह भी खुलासा किया बाबा के चेले बलात्कार के लिए 'माफी' शब्द का इस्तेमाल करते थे। वहीं, जहां बाबा रहते थे, वहां सिर्फ महिला अनुयायियों की तैनाती ही हुआ करती थी।
पीड़ित महिलाओं ने अपने बयान में बताया कि अधिकतर लड़कियां डेरे में इसलिए भी रहने के लिए मजबूर थीं क्योंकि उनके परिवार वाले बाबा के अंध भक्त थे। शिकायतों के बावजूद घरवाले उनकी एक नहीं सुनते थे। हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली एक पीड़िता ने स्पेशल सीबीआई जज एके वर्मा के सामने 28 फरवरी 2009 को अपना बयान दर्ज करवाया था। इसके मुताबिक, पीड़िता अपने भाई की वजह से जुलाई 1999 से डेरे में रह रही थी। बाद में अपनी बहन के लिए न्याय पाने के संघर्ष के दौरान इस भाई की हत्या करा दी गई थी।
साध्वी के मुताबिक, शुरुआत में तो उसे समझ में ही नहीं आया, जब महिला अनुयायियों ने उससे पूछा कि क्या उसे 'पिताजी से माफी' मिली। हकीकत तब सामने आई, जब बाबा ने 28 और 29 अगस्त 1999 की दरमियानी रात उसे अपनी गुफा में बताया और उसका रेप किया। 9 सितंबर 2010 को एक दूसरी साध्वी ने अपने बयान में बताया कि वह जून 1998 में डेरे से जुड़ी थी। गुरमीत राम रहीम ने उसे नज्म नाम दिया था। पीड़िता सिरसा की रहने वाली थी। वह भी अपने घरवालों के कहने पर डेरे में आई थी। 1999 में जब उसकी ड्यूटी गुफा में लगी थी, उसे अंदर बुलाया गया। इसके बाद राम रहीम ने उसका रेप किया। साथ ही किसी को इस बारे में न बताने की धमकी दी।