आगरा में एक मामला सामने आया जहां भूत का साया भगाने का दावा करने वाले तांत्रिक ने गर्भवती महिला को इलाज के नाम पर इतनी यातनाएं दी की उसने दम तोड़ दिया। जहाँ आगरा इंटरनेशनल सिटी में शुमार है वहाँ यहां के लोग आज भी जादू-टोना और तंत्र-मंत्र से बीमारियों का इलाज कराने में भरोसा रखते हैं।
ये पूरा मामला डौकी के गांव समोगर का है, जहां सोमवार की रात भूत उतारने आए तांत्रिक ने एक गर्भवती महिला को मार डाला। घटना देर रात की है। ससुरालीजनों की मौजूदगी में पहले महिला को पहले यमुना किनारे रेत में घसीटा गया। यमुना में डुबकी लगवाई गई। उससे पूछा गया किसकी आत्मा है। जब वह नहीं बोली तो गर्म चिमटे से दागा गया। इसके बाद लोहे के चिमटों से पिटाई की। छह महीने की गर्भवती महिला चीखती रही और कुछ दूरी पर खडे ससुरालीजन उसकी चीख सुनते रहे, लेकिन तांत्रिक के मना करने पर उसके पास नहीं आए। तांत्रिक की यातनाओं से गर्भवती महिला ने दम तोड दिया।
इस घटना के बाद शव को गांव में छोड़ कर भाग रहे तांत्रिक को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई की। इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले में ससुराल वालों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। पुलिस ने तांत्रिक सहित 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोप है कि बेटा पैदा करने के लिए ससुराल वालों की ओर से तंत्र विद्या कराई जा रही थी।
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दरअशल में, गांव समोगर निवासी दीपू उर्फ वीरपाल की शादी 4 साल पहले ममता (जलेसर, एटा) के साथ हुई थी। उसके दो साल की बेटी है। ममता गर्भवती थी। कमजोरी और प्रताड़ना के चलते वह परेशान रहती थी, जिससे उसे दौरे पड़ते थे। हाथ-पैर अकड़ जाते थे। ससुराल वालों ने डॉक्टर को नहीं दिखाया। उन्हें लगा कि भूत प्रेत का चक्कर है।
सिकंदरा के गांव बाईंपुर में रहने वाले तांत्रिक किशोर से संपर्क किया। रात को वह एक चेले को लेकर समोगर आ गया। पहले उसने उसे स्नान कराया। वहां उससे पूछा गया कि बता कौन है। ममता खामोश रही। यह देख तांत्रिक ने यमुना किनारे चलने को कहा। सभी ममता को यमुना किनारे लेकर गए। वहां तांत्रिक ने उसे रेत में घसीटा। आरोप है कि दीपू के दोस्त रामनरेश व राजू ने ममता के हाथ पकड़ लिए। तांत्रिक ने गर्म चिमटे से उसके शरीर को दागा। वह चीखी तो उससे पूछा गया बता कौन है। क्यों आया है। क्या चाहता है। उसके बाद ममता को यमुना में डुबोया गया। ममता चीखती रही, लेकिन उसे बचाने के लिए परिजन नहीं आए। कई बार यह सिलसिला चला। वह बेहोश हो गई। यह देख तांत्रिक ने कहा यह किसी शक्तिशाली प्रेत का साया है। उसके गुरु को बुलाना पड़ेगा। कुछ लोग बाईंपुर से तांत्रिक के गुरु सूरदास को लेकर गांव पहुंचे। गुरु ने ममता की नब्ज देखकर बताया अब कुछ नहीं हो सकता है। यह मर चुकी है। यह सुनते ही ससुरालीजन घबरा गए और भाग गए।