पुलिस ने प्राची सहित दस के खिलाफ लिखा मुकदमा

Update: 2016-06-20 07:52 GMT

आजमगढ़.

 हिन्दू जागरण मंच द्वारा आयोजित शाही स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में भाग लेने पर प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाने के साथ ही साध्वी प्राची बार्डर से लेकर कार्यक्रम स्थल तक की चौकसी को धता बताते हुए सीधे राहुल प्रेक्षागृह पहुंच गयी। 


पुलिस को उनके आने का एहसास तब हुआ जब उन्होंने सम्बोधन शुरू कर दिया। इतने के बाद भी प्रशासन गिरफ्तारी की हिम्मत नहीं जुटा सका। साध्वी ने मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में न केवल सरकार को ललकारा बल्कि आजमगढ़ को आतंकवाद की शरण स्थली तक बता डाला।


यही नहीं सपा ,बसपा और कांग्रेस भी उनके निशाने पर रहे। कार्यक्रम स्थल पर साध्वी को हिरासत में लेकर प्रशासन ने वाराणसी भेज दिया। 


बता दें कि हिंदू जागरण मंच शिवाजी महराज के पद पाद शाही स्थापना के परिपेक्ष में 18 जून को मेहता पार्क में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति प्रशासन से मांगी गयी थी लेकिन प्रशासन द्वारा साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा बताकर अनुमति देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद संगठन के लोग उच्च न्यायालय के शरण में गये। 


उच्च न्यायालय ने मामले को जिलाधिकारी के स्वविवेक पर छोड़ दिया। इसके बाद 9 जून को संगठन द्वारा कार्यक्रम स्थल बदलते हुए नेहरू हाल के लिए अनुमति मांगी गयी लेकिन यहां भी अनुमति नहीं मिली। अंत में जिला प्रशासन ने साध्वी प्राची पर जिले में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हुए राहुल प्रेक्षागृह में कार्यक्रम की अनुमति दी। शनिवार को राहुल प्रेक्षागृह में कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गयी।


वहीं बनारस, जौनपुर से लगी आजमगढ़ की सीमाओं को सील कर दिया गया। यही नहीं प्रमुख चौराहों पर भी फोर्स तैनात कर दिया गया। फोर्स को देखते हुए आयोजकों ने भी मान लिया था कि साध्वी का जिले में पहुंचना मुश्किल है लेकिन अपरान्ह करीब 1.20 बजे साध्वी प्राची एकाएक राहुल प्रेक्षागृह में अवतरित हुईं तो आयोजकों की बांछें खिल उठी। वहीं प्रशासन का तो मानो होश ही उड़ गया।


फिर क्या था साध्वी ने मां सरस्वती व शिवाजी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने करीब 10 मिनट कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस दौरान प्रदेश सरकार के साथ ही प्रशासन पर भी जमकर भड़ास निकाली। यही नहीं साध्वी ने करीब 5 मिनट मीडिया से भी बात कीं।


इसके बाद प्रशासन ने साध्वी को हिरासत में लिया और जिस गाड़ी से वे आयीं थीं उस गाड़ी के चालक को हटाकर अपने चालक के साथ वाराणसी के लिए रवाना कर दिया। इस दौरान साध्वी के साथ भारी संख्या में फोर्स भी भेजी गयी। प्रशासन की चौकसी धरी रह गयी,

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