दरोगा को संरक्षण देने वाले एएसपी पर कसेगा शिकंजा
एसएसपी ने स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने को शासन को भेजा पत्र
एटा: नियम-कानूनों को ताक पर रख दरोगा पर मेहरबानी बरसाने वाले एएसपी पर शिकंजा कसना तय है। स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। शिकायत के दायरे में दो एएसपी, सीओ व दरोगा आ रहे हैं।
जैथरा निवासी बिजेंद्र सिंह के साथ डकैती की वारदात होने पर मानवधिकार आयोग और सीओ के आदेश पर 18 दिन बाद रिपोर्ट दर्ज करने का मामला सपा सरकार में दब गया था, लेकिन सत्ता बदलते ही मामले ने तूल पकड़ लिया है। बिजेंद्र की शिकायत पर हुई जांच में पूर्व अधिकारियों द्वारा जांच रिपोर्ट में दरोगा कैलाश चंद्र दुबे को बचाने के लिए दिए गए तर्क किसी के गले नहीं उतरे। अधिकारियों का पक्षपात भी सामने आया। 3 दिन एफआईआर विलम्ब से दर्ज करने के दोषी पर तत्काल एफआईआर दर्ज कराने, तो वहीं 18 दिन विलम्ब से अभियोग दर्ज करने वाले दरोगा पर मेहरबानी बरसाने जैसे मामले सामने आए।
मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी अखिलेश चौरसिया ने प्रकरण की जांच किसी वरिष्ठ अधिकारी अथवा स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने के लिए शासन को पत्र भेजा है। ऐसे में तत्कालीन एएसपी विसर्जन सिंह यादव, एएसपी क्राइम अनूप कुमार, तत्कालीन सीओ धर्मसिंह मार्च्छल व जैथरा थानाध्यक्ष रहे कैलाश चंद्र दुबे सहित
चारों अधिकारी फंसते नजर आ रहे हैं। एसएसपी ने शासन को प्रेषित पत्र में लिखा कि तत्कालीन एएसपी विर्सजन सिंह यादव और वर्तमान एएसपी क्राइम अनूप कुमार ने दरोगा कैलाश चंद्र दुबे के खिलाफ अलग-अगल जांच की। इसके बाद भी जांच रिपोर्ट कट-पेस्ट जैसी बना कर दरोगा को बचाने का प्रयास किया गया। शिकायत में दोनों एएसपी पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिनकी जांच उच्चाधिकारी अथवा स्वतंत्र एजेंसी से कराया जाना आवश्यक है।
रिपोर्ट :प्रशांत भारद्वाज