मस्जिद से ऐलान: पुलिस वालों को मारो और अपने भाईयों को छुड़ाओ

Update: 2016-08-13 04:26 GMT

चंदन श्रीवास्तव की वाल से 

मेरठ का इकला रसूलपुर गांव। यहां खुलेआम गायों को जिबह किया जाता है। शुक्रवार को भी ऐसा ही हो रहा था। गाय को जिबह करके गो-मांस बेंचा जा रहा था। इलाके की पुलिस गांव में पहुंची और रंगेहाथ दस लोगों को पकड़ लिया। 


पुलिस उन्हें वहां से लेकर निकलती, इसके पहले गांव की मस्जिद के लाउडस्पीकर ने ऐलान किआ। 'पुलिस वालों को मारो और अपने भाईयों को छुड़ाओ।' नतीजा भारी संख्या में मुसलमानों की भीड़ ने पुलिस पर पत्थर आदि बरसाने शुरू कर दिए। यहां भी औरतों को आगे रखकर मर्द उनके पीछे से हमला कर रहे थे। दो कांस्टेबिल बुरी तरह जख्मी हो गए। अपराधियों को छुड़ा लिया गया। पुलिस 10-15 किलो गो-मांस के साथ वापस आ गई। 

क्या था मामला 

मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार तड़के पांच बजे परीक्षितगढ़ थाना पुलिस ने दिलशाद के घर में छापा मारा। तभी एक युवक ने मस्जिद से एलान कर दिया कि पुलिस ने बेवजह चार लोगों को पकड़ लिया है। जिसके बाद ग्राम प्रधानपति महबूब के नेतृत्व में महिलाओं समेत सैकड़ों लोगों ने पुलिस पर हमला कर मीट छीनकर आरोपियों को छुड़ाने का प्रयास किया।
पुलिस चारों आरोपियों जलालुद्दीन पुत्र तुफैल निवासी खजूरी, फिरोज पुत्र आस मोहम्मद निवासी खानपुर बांगर, मौफिद पुत्र नजर मोहम्मद और मरगूब पुत्र नजीर निवासी इकला रसूलपुर को थाने ले जाने लगी तो महिलाओं ने पुलिस पर पथराव कर दिया।


पुलिस ने मांस काटने के उपकरण भी बरामद किए। एसओ परीक्षितगढ़ ओपी सिंह ने बताया कि पुलिस पर हमला कर आरोपियों को छुड़ाने की कोशिश के मामले में ग्राम प्रधान शबनूर, उसके पति महबूब अंसारी, शमा, नाजूब, शबीला, खदीजा, कामिला, फिरदौसी, फैसल, हसीन, अयूब, हुसैन आलम, तैमूर, मेहरबान को नामजद किया गया। 40 अज्ञात महिलाओं और एक दर्जन लोगों के खिलाफ गौवंश अधिनियम के तहत रिपोर्ट की गई है।



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मस्जिदों के लाउडस्पीकर महज नमाज पढ़ने के लिए नहीं होते।

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