हमको मारने वालों और दुपट्टा उतारने वालों पर पुलिस नही कर रही कार्यवाही!

मुस्लिम छात्रा ने ट्वीट कर पीएम-सीएम से लगाई न्याय की गुहार

Update: 2017-07-19 08:18 GMT
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी। यूपी में योगी सरकार और पुलिस मुखिया भले पुलिस कार्यशैली की छवि सुधरने के साथ साथ महिला उत्पीड़न के मामलों पर तत्काल कार्रवाई करने की दावा करती हो,लेकिन इनकेे दावे की पोल उस समय खुल गई जब एक मुस्लिम छात्रा ने ट्वीट कर पीएम- सीएम से न्याय की गुहार लगाई। 

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बताते चलें कि एपेक्स नर्सिंग कॉलेज के खिलाफ फर्जीवाड़े का आरोप लगाकर आंदोलन करने वाली छात्राओं में से एक मुस्लिम छात्रा पाकीजा बनो ने पीएम, सीएम को ट्वीट कर कहा कि "हमको मारने वालों और दुपट्टा उतारने वालों पर पुलिस कार्यवाही नहीं कर रही है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी कृपया न्याय करें"। 

मुस्लिम छात्रा के आरोपो को देखा जाए तो दुष्कर्म का प्रयास,छेड़खानी और एसिड अटैक जैसे गंभीर मामले में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद लंका पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की कार्रवाई न किए जाने पर पुलिस के कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर दिया है !
वीडियो वायरल होने पर दर्ज हुआ था मुकदमा
10 दिन पहले एपेक्स नर्सिंग कालेज के छात्र-छात्राएं कालेज पर विरोध-प्रदर्शन के दौरान मारपीट और अश्लील हरकत का आरोप लगाते हुए पुलिस-प्रशासन से गुहार लगा रहे थे। उनकी एक न सुनी गयी उल्टे सभी को हिरासत में लेकर महिला थाने भेज दिया गया। घटना के एक दिन बाद विरोध-प्रदर्शन करने वाली छात्रा का दुपट्टा खींचने और उनके साथ हुई बदसलूकी का वीडियो वायरल होने लगा तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गय थेे। आनन फानन में मुकदमा ही नहीं कायम किया गया बल्कि पीड़ितों का खुद मेडिकल कराने के लिए पुलिस अस्पताल गई थी। इस मामले में दुष्कर्म का प्रयास, एसिड अटैक, छेड़खानी सहित अन्य आरोपों के तहत एपेक्स के निदेशक एसके सिंह के साथ उनकी पत्‍‌नी व बहू के अलावा बेटे डा. स्वरूप पटेल को भी नामजद किया गया है। इससे पहले भी एपेक्स प्रबंधन के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हुए थे। 
कालेज के विरोध का मुख्य कारण
दरअसल छात्राओं का आरोप है की एपेक्स नर्सिंग स्कूल फर्जी तरीके से बिना मान्यता के नर्सिंग कॉलेज चलाता है। जिसका खुलासा आरटीआई में हुआ है। इस फर्जीवाड़े में सौ से ज्यादा बच्चों का भविष्य अंधकार में है। छात्राओं का आरोप है की कॉलेज के पास इन विषयों की मान्यता ही नहीं है।

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