पंजाब: आप ने बागी विधायक सुखपाल खैरा और कंवर संधू को किया निलंबित
निलंबित होने के बाद सुखपाल सिंह खैरा ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी (आप) ने लंबे मंथन के बाद शनिवार को पंजाब से बागी विधायक सुखपाल सिंह खैरा और विधायक कंवर संधू को निलंबित कर दिया है। दोनों पर पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल होने का आरोप है, इसके साथ ही पार्टी की पंजाब इकाई दोफाड़ की दिशा में बढ़ती नजर आ रही है। दोनों के निलंबन की पुष्टि पार्टी की कोर कमिटी ने करते हुए बताया कि पार्टी में किसी तरह की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भुलथ विधानसभा सीट से विधायक सुखपाल सिंह खैरा और खरड़ के विधायक कंवर संधू पिछले काफी लंबे समय से बागी तेवर अपनाए हुए थे और पार्टी हाईकमान के खिलाफ सार्वजनिक रूप से खुलकर बयानबाजी करते हुए चुनौती पेश करते देखे गए थे। पार्टी की कोर कमिटी ने इस निलंबन पर कहा कि दोनों को पार्टी की तरफ से अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर दोनों नेताओं को समझाने में असफल होने के बाद उनको तत्काल तौर पर मुअत्तल करने का फैसला लिया गया है। पार्टी ने कहा कि किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जा सकती और नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना पड़ेगा।
पार्टी से निलंबित होने के बाद सुखपाल सिंह खैरा ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। वह सच नहीं सुनना चाहते हैं। वह ऐसे लोगों को पसंद नहीं करते हैं, जो पंजाब की बात करते हैं। सिर्फ चुनाव की वजह से इस समय उनका पूरा ध्यान हरियाणा पर केंद्रित है।'
Arvind Kejriwal can't tolerate any inner-party democracy. He doesn't want to listen to the truth. He doesn't like those people who talk about Punjab. Just because its poll time in Haryana, his complete focus has shifted to Haryana: Sukhpal Singh Khaira on his suspension from AAP pic.twitter.com/1QBLTfrDKX
— ANI (@ANI) November 3, 2018
खैरा गुट वैसे तो पिछले काफी समय से पार्टी हाईकमान को चुनौती पेश कर रहा है लेकिन ताजा विवाद लोकसभा चुनाव के लिए पांच उम्मीदावारों के ऐलान पर इस गुट के विरोध से बढ़ा। इसी दौरान पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चंडीगढ़ आए और अपने समर्थक विधायकों से लंबी मंत्रणा की और प्रदेश इकाई की गतिविधियों पर अपडेट लिया। बताया जाता है कि इस दौरान विधायकों ने केजरीवाल को बताया कि खैरा गुट की गतिविधियों से कार्यकर्ताओं और जनता में गलत संदेश जा रहा है और इससे पार्टी को लोकसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है।