पंजाब के मुख्य मंत्री ने सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के लिए दिए पुलिस को निर्देश
गैंगस्टरों के आतंकवादियों और जेल स्टाफ के साथ गठजोड़ को तोडऩे के लिए सख्त कदम उठाए जाने के आदेश
चंडीगड़, :ब्यूरो चीफ पंजाब एच एम त्रिखा
पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोशल मीडिया का नफऱत फैलाने के लिए बढ़ रहे दुरुपयोग से निपटने के लिए राज्य की पुलिस और खुफिय़ा एजेंसियों को सख्त निर्देश जारी किये हैं।
इसके साथ ही मुख्य मंत्री ने आतंकवादियों और गैंगस्टरों और जेल स्टाफ के बीच गठजोड़ को तोडऩे के लिए भी सख्त कदम उठाए जाने के आदेश दिए हैं जिससे गैंगस्टरों को अपनी घिनौनी कार्यवाहियां चलाने के लिए जेलों का प्रयोग करने से रोका जा सके। जेलों में से कुछ गैंगस्टरों के कार्यवाहियां करने की रिपोर्टों पर गंभीर नोटिस लेते हुये मुख्यमंत्री ने जेलों पर कड़ी निगरानी रखने और गृह विभाग को राज्य की जेलों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए तुरंत कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं। जेलों में से मोबाइल फ़ोन और सिम कार्ड मिलने के बाद यह गंभीर नोटिस लिया गया है। उन्होंने कहा कि इन गैंगस्टरों में कानून का डर पैदा किये जाने की ज़रूरत है जिससे राज्य में हर कीमत पर शांति और सद्भावना को यकीनी बनाये रखा जा सके।
यह निर्देश मुख्यमंत्री ने आज यहां एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए दिये। जिसमें राज्य की कानून व्यवस्था का समीक्षा की गई। इस मीटिंग में सीनियर पुलिस और प्रशासकीय अधिकारी उपस्थित हुए। पंजाब के मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, नवजोत सिंह सिद्धू और तृप्त बाजवा भी मीटिंग में उपस्थित थे।
अमृतसर में हाल ही में हिंदु शिव सेना के नेता की हुई हत्या पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्य मंत्री ने इस मामले में पुलिस को जांच में तेज़ी लाने के लिए निर्देश दिए हैं। इस संबंध में सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि राज्य में हाल ही में निश्चित करके की गई हत्याओं के साथ इसका संबंध नहीं है। पुलिस आधिकारियों ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को भरोसा दिलाया कि पहले ही शिनाख्त किये जा चुके दोषियों की गिरफ्तारी जल्दी ही कर ली जायेगी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान की ख़ुफिय़ा एजेंसी आई.एस.आई. की तरफ से शुरू की गई ऑनलाइन नफऱत की मुहिम और कट्टर हिंदुओं के एक गुट द्वारा सिख भाईचारे और सिखों के एक गुट द्वारा हिंदुओं के विरूद्ध शुरू की गई सांप्रदायिक मुहिम का प्रभावी तरीकों से मुकाबला करने के लिए खुले और गुप्त रास्ता अपनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए हैं।
मुख्य मंत्री ने कहा कि राज्य में अतिवाद को पुनरजीवित करने की स्पष्ट कोशिश हो रही है जोकि न केवल पाकिस्तान में बैठे लोगों द्वारा बल्कि कैनेडा, जर्मनी, यू.ए.ई., बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका, पुर्तगाल और सउदी अरब में बैठे लोगों द्वारा भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि फूट डालू और सांप्रदायिक ताकतों को कुचलने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं।
मीटिंग के दौरान डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा ने बताया कि इस वर्ष मार्च से लेकर अब तक आतंकवादियों के 7 गिरोहों को ख़त्म किया गया है और 43 आतंकवादी /गर्मख्याली राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए हैं। उनहोंने यह भी बताया कि इस संबंध में 16 विदेशियों की पहचान की गई है जोकि विभिन्न आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधित हैं और आतंकवादी कार्यवाहियों में शामिल हैं। आतंकवादियों से 38 हथियार पकड़े गए हैं जिनमें पाकिस्तान की आई.एस.आई. द्वारा भारत में भेजे गए हथियार भी शामिल हैं।
उच्च पुलिस आधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि गत् सरकार के शासन के दौरान बेलगाम हुये बहुत से गैंगस्टर या तो फऱार हो गए हैं या फिर सलाखों के पीछे कर दिए गए हैं। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि इनमें से कुछ राज्य की कानून व्यवस्था भंग करने की कशिश में हैं। यह लोग ऐसा करने के लिए या तो पंजाब की सीमा से बाहर से कोशिश कर रहे हैं या फिर सलाखों के पीछे से।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य की शांति और सद्भावना को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटने के लिए सुरक्षा फोर्स को खुली छूट दी हुई है। उन्होंने कहा कि कानूनों के उल्लंघन को किसी भी सूरत पर सहन नहीं किया जायेगा। ऐसा करने वाली सभी कोशिशों को सख्ती से कुचल दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस को निर्देश दिए हैं कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति सर्वोपरी होनी चाहिए हालांकि इसमें गत् 8 महीनों के दौरान सुधार आया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में और नकेल कसने की ज़रूरत है जिससे शांति वाले माहौल को यकीनी बनाया जा सके और लोग किसी भी तरह के भय के बिना जीवन व्यतीत कर सकें।
मीटिंग में उपस्थित अन्य व्यक्तियों मेंं डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा, डी.जी.पी. इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता, डी.जी.पी. लॉ एंड आर्डर एच.एस. ढिल्लों, डी.जी.पी. प्रशासन एम.के. तिवारी, डी.जी.पी. जेल आई.पी.एस. सहोता, ए.डी.जी.पी. क्राईम प्रमोद कुमार, आई.जी. पर्सोनल वी. नीरजा, आई.जी.पी. क्राईम शशि प्रभा, ए.डी.जी.पी. प्रमुख विशेष टास्क फोर्स एच.एस. सिद्धू, मुख्यमंत्री के सलाहकार लैफ्टिनैंट जनरल (सेवा निवृत ) टी.एस. शेरगिल, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एन.एस. कलसी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह उपस्थित थे।
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harinder trikha
4:06 PM (20 hours ago)
to me
गुंडों ,अपराधियों व गैंगस्टरों के खिलाफ पंजाब सरकार ला रही पकोका - अमरिंदर सिंह
चंडीगढ़ 3 नवंबर एच एम त्रिखा ब्यूरो चीफ पंजाब
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म महिंद्रा के नेतृत्व वाली कैबिनेट सब -कमेटी को पकोका (पंजाब कंट्रोल आफ ऑरगेनाईजड क्राइम एक्ट) बारे कानून का मसौदा जल्दी तैयार करने के लिए कहा है जिससे राज्य में संगठित अपराध और गैंगस्टरों के विरूद्ध सख्ती से निपटा जा सके।
प्रवक्तो ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यह निर्देश गत दिवस अमन -कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। उन्होंने बताया कि पकोका कानून इस माह के आखिर में लाया जा सकता है।
प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस प्रमुख सुरेश अरोड़ा राज्य में संगठित अपराध और गैंग्स्टरों के साथ निपटने के लिए पुलिस को अधिक शक्तियां देने का मुद्दा उठाने के बाद मुख्यमंत्री ने यह निर्देश जारी किए हैं। मीटिंग के दौरान डी.जी.पी. ने बताया कि आपराधिक गिरोहोंं और गुंडा तत्वों से कठोरता से निपटने के लिए पुलिस के हाथ और मज़बूत किये जाने की ज़रूरत है जिसके लिए पकोका जैसा कानून अमल में लाना अति आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर सहमति प्रकट की कि राज्य में गड़बडी़ पैदा करने और कानून को अपने हाथ लेने की कोशिशों को रोकने के लिए गैंगस्टरों के भीतर कानून का भय पैदा करना ज़रूरी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि प्रस्तावित कानून यह यकीनी बनाएगा कि ऐसे गैंग्स्टरों के साथ सख्ती से निपटने के लिए पुलिस की राह में कोई रुकावट न बने।
प्रवक्ता ने बताया कि चाहे कि प्रस्तावित कानून पुलिस को राज्य में सक्रिय गैंगस्टरों और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए ज़रूरत के मुताबिक कोई भी कार्यवाही करने के लिए अधिक शक्तियां देगा परन्तु इस कानून का दुरुपयोग रोकने के लिए निगरानी भी रखी जायेगी।
प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि गैंगस्टरों के खतरे से निपटने के लिए पुलिस के हाथ मज़बूत करने ज़रूरी हैं क्योंकि जो अकाली -भाजपा सरकार के दौरान इन गैंगस्टरों को अपनी मनमर्जियां करने के लिए खुली छूट दी हुई थीं। प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पकोका का दुरुपयोग या कानून के नाम पर मानवीय अधिकारों का हनन न होने को यकीनी बनाएगी।
कांग्रेस सरकार द्वारा इस वर्ष मार्च महीने में राज्य की सत्ता संभालने के बाद राज्य में सक्रिय संगठित गुंडा गिरोहों और हाल ही में जेल तोडऩे और कैदियों में हिंसा की हुई घटनाओं के मद्देनजर पकोका को लागू करने के प्रस्ताव पर पुन: विचारा किया जा रहा है।
इस प्रस्तावित कानून का उद्देश्य डी.आई.जी. रैंक या इससे ऊपर रैंक के पुलिस अधिकारियों को ऐसे अपराधों से निपटने के लिए पकोका का प्रयोग करने के योग्य बनाना है परन्तु इसके लिए इन अधिकारियों को आई.पी.सी. के स्थान पर पकोका लाने के कारणों का विस्तृत विवरण देना होगा। इसके साथ ही यह भी प्रस्तावित किया गया है कि नए कानून की प्रस्तावित व्यवस्थाएं को मनमजऱ्ी से कोई कार्यवाही करने से रोकनो के लिए यकीनी बनाया जाना चाहिए। इस नए कानून के अंतर्गत गवाह की सुरक्षा और कैमरे की निगरानी में कार्यवाहियों की यकीनी बनाने के लिए सख्त अंदरूनी नियंत्रण भी रखा जायेगा।
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