पंजाब: सिद्धू के आगे मुख्यमंत्री चन्नी ने मानी 'हार', एडवोकेट जनरल को हटाया गया
सिद्धू के दबाव की वजह से पिछले हफ्ते ही एपीएस दयोल ने एडवोकेट जनरल के पद से त्यागपत्र दिया था
चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही कलह के पहले राउंड में सिद्धू की जीत हुई। मुख्यमंत्री चन्नी को सिद्धू के आगे झुकना पड़ा और एडवोकेट जनरल के पद से एपीएस दयोल का त्यागपत्र स्वीकार करना पड़ा है। सिद्धू के दबाव की वजह से पिछले हफ्ते ही एपीएस दयोल ने एडवोकेट जनरल के पद से त्यागपत्र दिया था लेकिन उस समय मुख्यमंत्री ने त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया था।
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने खुद घोषणा की है कि उन्होंने एपीएस दयोल का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया है। मुख्यमंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ एक साझा प्रेस वार्ता में यह घोषणा की है। इसके साथ ही, प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब सीएम चन्नी ने कहा कि 'जहां तक डीजीपी की बात है, जिनकी सर्विस 30 साल से ऊपर हो गई है, उनका नाम हम केंद्र सरकार को भेज चुके है। अब केंद्र सरकार चुनकर (पैनल) नाम भेजेगी, तब हम नया डीजीपी लगाएगें।'
बता दें कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने यह ऐलान मंगलवार को तब किए जब सोमवार को कांग्रेस के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने उनसे और नवजोत सिंह सिद्धू के साथ बैठक की। सूत्रों का कहना था कि बैठक के दौरान सिद्धू ने एपीएस देओल और इकबाल प्रीत सिंह सहोता की क्रमश: राज्य के महाधिवक्ता और कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में नियुक्ति का मुद्दा उठाया था।
इससे पहले पिछले हफ्ते सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रमुख के रूप में अपना इस्तीफा वापस ले लिया है, लेकिन यह भी शर्त रखी है कि जिस दिन देओल के स्थान पर एक नया महाधिवक्ता नियुक्त किया जाएगा और नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए संघ लोकसेवा आयोग से पैनल आएगा, उसके बाद ही वह कार्यभार संभालेंगे।