एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा - प्रेस की आजादी पर हमला है पत्रकार पर FIR

Update: 2018-01-07 13:29 GMT
आधार डेटा लीक होने की खबर छापने का विवाद गरमा गया है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ट्रिब्यून की रिपोर्टर रचना खैरा पर एफआईआर दर्ज करने की कड़े शब्दों में निंदा की है. एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि रिपोर्टर ने जनहित में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए खबर छापी. आधार की देखरेख करने वाली संस्था को चाहिए कि वो रिपोर्टर पर केस करने की बजाय इसकी जांच कराए. 
आधार की देखरेख करने वाली संस्था UIDAI ने ट्रिब्यून की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा आधार डेटा पूरी तरह सुरक्षित है
.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने क्या कहा -
''हम पत्रकार रचना खैरा के खिलाफ केस दर्ज किए जाने की निंदा करते हैं. जनता के हित के मुद्दे पर तहकीकात करने वाली पत्रकार के खिलाफ केस किया जाना सही नहीं है, ये प्रेस की आजादी पर हमला है. रिपोर्टर पर केस दर्ज करने की जगह UIDAI को पूरे मामले की जांच करनी चाहिए थी. हम सरकार से ये मांग करते हैं कि पत्रकार पर से केस वापस लिया जाए और पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच हो.'' 
क्या है पूरा मामला 
3 जनवरी को ट्रिब्यून ने आधार डेटा बिकने की खबर छापी थी, रिपोर्ट में दावा किया गया था कि 500 रुपये में आधारा डेटा को खरीदा जाता है. रिपोर्टर ने खुद की पहचान छुपाकर पूरी जानकारी इक्ट्ठा की. खबर के प्रकाशित होने के साथ ही मामले ने तुल पकड़ लिया. मामले को बढ़ता देख UIDAI ने सिरे से इस खबर को खारिज कर दिया. इतना ही नहीं संस्थान की ओर से पत्रकार और अखबार के मालिक के ऊपर FIR दर्ज करवा दिया.
पूरे मामले पर बीइए के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार एन के सिंह ने कहा कि अगर सरकार इसी तरह विरोध में मुकदमा दर्ज करती रही तो देश से पत्रकारिता खत्म हो जाएगी.

Similar News