दागियों की वापसी मंजूर नहीं, हक-सच के लिए लड़ूंगा' - इस्तीफे के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का पहला वीडियो संदेश
सिद्धू का कहना है कि वह अपने मुद्दों से समझौता नहीं कर सकते हैं, हक और सच की लड़ाई को वह लड़ते रहेंगे.
पंजाब में जारी घमासान के बीच नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को एक वीडियो संदेश जारी किया है. पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का ये पहला बड़ा बयान है. सिद्धू का कहना है कि वह अपने मुद्दों से समझौता नहीं कर सकते हैं, हक और सच की लड़ाई को वह लड़ते रहेंगे.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, 'प्यारे पंजाबियों, 17 साल का राजनीतिक सफर एक मकसद के साथ किया है. पंजाब के लोगों की जिंदगी को बेहतर करना और मुद्दों की राजनीति करना. यही मेरा धर्म था और यही मेरा फर्ज है, मैंने कोई निजी लड़ाई नहीं लड़ी है. मेरी लड़ाई मुद्दों की है, पंजाब का अपना एक एजेंडा है. इस एजेंडे के साथ मैं अपने हक-सच की लड़ाई लड़ता रहा हूं, इसके लिए कोई समझौता है ही नहीं है.'
नवजोत सिंह सिद्धू ने आगे कहा, 'मेरे पिता ने एक ही बात सिखाई है, जहां भी मुश्किल खड़ी हो तो सच की लड़ाई लड़ो. जब भी मैं देखता हूं कि सच के साथ समझौता हो रहा है, जब मैं देखता हूं कि जिन्होंने कुछ वक्त पहले बादल सरकार को क्लीन चिट दी, बच्चों पर गोलियां चलाई उन्हें ही इंसाफ की जिम्मेदारी दी थी. जिन्होंने खुलकर बेल दी है, वो एडवोकेट जनरल हैं.'
अपने वीडियो संदेश में सिद्धू बोले, 'मैं ना ही हाईकमान को गुमराह कर सकता हूं और ना ही गुमराह होने दे सकता हूं. पंजाब के लोगों के लिए मैं किसी भी चीज़ की कुर्बानी दूंगा, लेकिन अपने सिद्धातों पर लड़ूंगा. दागी नेता, दागी अफसरों की वापसी कर वही सिस्टम खड़ा नहीं किया जा सकता है'. वीडियो के अंत में नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नज़र आना जरूरी है.
गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने बीते दिन ही प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ा था. माना जा रहा था कि पंजाब सरकार में कुछ मंत्रियों की नियुक्ति, एडवोकेट जनरल के पद को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने विरोध जताया था, लेकिन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उनकी नहीं सुनी और अपना ही फैसला किया.