एक ऐसा कब्रिस्तान जहां अपनों को दफनाने से कतराते हैं परिजन, जानिए क्यों?

Update: 2017-11-04 06:34 GMT
कब्रिस्तान में शव को दफनाने के लिए उनके परिजनों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़े तो इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है. यह किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं बल्कि सच्चाई है जो आज के समय में जीवन की हकीकत को पेश करती है.
भरतपुर शहर के कुम्हेर गेट स्थित शाही कब्रिस्तान में हालात इतने खराब हो गए हैं कि पूरा कब्रिस्तान पानी से लबरेज दिखाई दे रहा है. कब्रिस्तान में पानी भरा होने की वजह से इंतकाल के बाद यहां लाए जाने वाले शवों को दफनाने के लिए जमीन का एक टुकड़ा भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है. यहां के हालात बरसात के समय मे और भी बदतर हो जाते हैं.
इलाके के निवासी मुईनुद्दीन अब्बासी ने बताया कि कब्रिस्तान से पहले तो शव को लाने के लिए उनके परिजनों को ईदगाह कॉलोनी में भरे हुए पानी में से होकर निकलना पड़ता है. कई बार तो स्थिति यह हो जाती है कि मृतक की मय्यत को बड़ी मुश्किल से गिरने से बचाया जाता है. हालात ऐसे हैं कि इस कॉलोनी में भी रहने वाले लोग पानी के बीच में होकर निकलते हैं और पानी में पैदा हो रहे जीव और लारवा से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
जानकारी के मुताबिक कब्रिस्तान में कई कब्रें तो पानी के कारण नीचे धंस गई हैं. करीब 16 बीघा जमीन में बने शाही कब्रिस्तान में लोगों ने अपने परिजनों के शवों को दफनाने के लिए जन सहयोग से करीब 5 लाख रुपए एकत्रित किए और थोड़े से हिस्से में ही मिट्टी डलवाई ताकि वह अपने परिजन को दफना सकें. वहीं दूसरी ओर मिट्टी में मृतक को दफनाने के लिए गड्ढा खोदते समय भी पानी निकल आना लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है.
रिपोर्ट शिव कुमार वशिष्ठ 
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