किसानों के 'भारत बंद' को समर्थन देकर बोले बेनीवाल, एनडीए में रहूँगा या नहीं आठ दिसंबर के बाद फैसला

हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने कहा कि उनकी पार्टी आरएलपी कृषि कानूनों के विरोध में है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की.

Update: 2020-12-06 15:21 GMT

नागौर. नए कृषि कानूनों (Farm Bills) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने आठ दिसंबर को किसान संगठनों के 'भारत बंद' (Bharat Bandh) के आह्वान का समर्थन किया है. इससे पहले भी उन्होंने केंद्र सरकार से किसानो के मांग मान लेने की बात कही थी. 

बेनीवाल ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी आरएलपी कृषि कानूनों के विरोध में है. उन्होंने केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि आरएलपी एनडीए गठबंधन (NDA Coalition) का हिस्सा रहेगी या नहीं, इस पर आठ दिसंबर के बाद फैसला करेंगे. बता दें कि लागू नए कृषि कानूनों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल (SAD) पिछले दिनों केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए से अलग हो गई थी.

किसान संगठनों ने आठ दिसंबर को 'भारत बंद' का किया है आह्वान

बता दें कि नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब-हरियाणा समेत अन्य राज्यों के लाखों किसान पिछले ग्यारह दिन से दिल्ली और उसके बॉर्डर पर डटे हुए हैं. प्रदर्शनकारी किसानों ने आठ दिसंबर को 'भारत बंद' की घोषणा की है. साथ ही यह चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो आंदोलन तेज किया जाएगा और दिल्ली आने वाले तमाम मार्गों को रोक दिया जाएगा.

कृषि कानूनों को निरस्त (रद्द) करने की मांग पर अड़े किसानों और केंद्र सरकार के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है. मगर इस गतिरोध को खत्म करने को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन सकी है. किसानों के प्रतिनिधि अब सरकार के साथ नौ दिसंबर को छठे दौर की बातचीत करेंगे.

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