जाने एक ऐसा मंदिर जिसे लूटा गया कई बार
सोमनाथ मंदिर भारत में सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक है। यह हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव को समर्पित है
सोमनाथ मंदिर भारत में सबसे प्रसिद्ध और पवित्र मंदिरों में से एक है। यह हिंदू धर्म के तीन प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर गुजरात के प्रभास पटन नामक शहर में स्थित है, जो भारत की पश्चिमी किनारे पर है।
सोमनाथ मंदिर को माना जाता है कि इसे 12वीं शताब्दी ईसा पूर्व में चंद्रमा देवता चंद्र ने बनवाया था। इसे बाद में यादव राजवंश, गुर्जर-प्रतिहार राजवंश, चालुक्य राजवंश और गुजरात के मुस्लिम शासकों ने पुनः बनवाया। मंदिर को 1025 ईस्वी में महमूद गजनवी ने नष्ट किया और फिर 1298 ईस्वी में अलाउद्दीन खिलजी ने भी नष्ट कर दिया। यह मंदिर अंतिम रूप में 1951 में बनवाया गया है।
सोमनाथ मंदिर हिंदू वास्तुकला का एक महान उदाहरण है। यह मारू-गुर्जर स्टाइल में बना है, जिसमें रेतीले पत्थर का प्रयोग, जटिल नक्काशी और ऊँची शिखरावाली (टॉवर्स) की विशेषताएं हैं। मंदिर को एक ऊँची दीवार से घिरा हुआ है, और इसके सामने एक बड़ा आंगन है। मंदिर का प्रमुख प्रवेश द्वार एक धनी सजावटी गेटवे से होता है।
मंदिर की आंतरिक सनक्त स्थान में ज्योतिर्लिंग है,
सोमनाथ मंदिर हिन्दुओं के लिए एक मुख्य तीर्थस्थान है। यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है और इसे अपनी सुंदर वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
यहां कुछ रोचक तथ्य सोमनाथ मंदिर के बारे में हैं:
* सोमनाथ मंदिर शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो शिव के सबसे पवित्र संकेत माने जाते हैं।
* मंदिर को इतिहास के दौरान कई बार नष्ट किया और पुनर्निर्माण किया गया है।
* वर्तमान मंदिर 1950 के दशक में बनाया गया थ
ा, और यह 1298 ईस्वी में अलाउद्दीन खिलजी द्वारा नष्ट किए गए मंदिर की अनुकरण है।
* सोमनाथ मंदिर एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
* मंदिर गुजरात के समुद्र तट पर एक सुंदर स्थान पर स्थित है।
* सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक लोकप्रिय तीर्थस्थान है।
सोमनाथ मंदिर हिन्दू इतिहास और संस्कृति में एक रोचक और महत्वपूर्ण स्थान है। यह हिन्दू धर्म की सहनशीलता का प्रमाण है, और यह धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व का दर्शाता है।