कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी छठी तिथि से छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठ का महापर्व बड़े ही धूम- धाम से मनाया जाता है। यह पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। 8 नवंबर से छठ के महापर्व की शुरुआत हो रही है।
छठ पूजा बहुत ही पवित्र पूजा होती है. यह दिन छठी माता को प्रसन्नप करके उनकी कृपा पाने के लिए होता है. लिहाजा इस दिन ऐसी गलतियां करने से बचना चाहिए, जो अशुभ घटनाओं या अशुभ फल का कारण बनती हैं। छठ पूजा में भूलकर भी न करें ये गलतियां
घर में कलह न करें: उस घर में ही हमेश सुख-शांति और समृद्धि रहती है जहां लोग प्रेम से मिल-जुल कर रहते हैं. छठ पूजा के दौरान भूलकर भी घर में झगड़ा करने या अशांति फैलाने से बचें. वरना छठी माता नाराज हो सकती हैं. खासतौर पर व्रती को तो किसी को भी अपशब्दै बोलने या बहस करने से बचना ही चाहिए. वरना व्रत का फल नहीं मिलता है.
बेड या चारपाई पर न सोएं: धर्म के मुताबिक व्रती को छठ पूजा के 4 दिनों के दौरान बेड या चारपाई पर सोने से बचना चाहिए.
गंदे हाथों से न बनाएं प्रसाद: छठ पूजा का प्रसाद बेहद शुद्धता और पवित्रता से बनाना चाहिए. प्रसाद की सामग्री को गंदे या जूठे हाथों से नहीं छूना चाहिए. साथ ही जिस जगह पर प्रसाद बनाएं, उस जगह की अच्छीद तरह साफ-सफाई कर लें.
तामसिक भोजन न करें: छठ पूजा के दौरान व्रती और पूरे परिवार को तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान ना तो नॉनवेज, प्या ज-लहसुन गलती से भी न खाएं.
फल न खाएं: छठी माता को पूजा में कई तरह के फल अर्पित किए जाते हैं. मान्येता है कि इस दौरान व्रती को फलों का सेवन नहीं करना चाहिए. पूजा पूरी होने के बाद ही फलों का सेवन करना चाहिए.
शराब न पिएं: छठ पूजा के दौरान गलती से भी शराब न पिएं. ऐसा करना छठी मइया को नाराज कर सकता है और जिंदगी में संकट आ सकते हैं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं स्पेशल कवरेज न्यूज इनकी पुष्टि नहीं करता है.)