Ganpati Visarjan: जानिए- कब है अनंत चतुर्दशी? क्या है गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है. अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है.
Ganpati Visarjan : गणेशोत्सव का महापर्व गणेश चतुर्थी के दिन यानी 31 अगस्त से प्रारंभ हो गया है. यह पर्व 10 दिन तक चलता है. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित कर अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा की जाती है. ऐसे में यदि आप भी घर पर या पंडाल में भगावन गणेश की प्रतिमा स्थापित किए हैं तो आइए जानते हैं किस दिन करें गणपति विसर्जन और कब है गणपति के विदाई का शुभ समय?
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी मनाई जाती है. अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है. इस दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है इसलिए इस पर्व का महत्व और बढ़ जाता है. इस दिन दस दिवसीय गणेशोत्सव का समापन होता है. माना जाता है कि महाभारत काल में इस व्रत की शुरुआत हुई थी. इस बार अनंत चतुर्दशी का व्रत 9 सितंबर, शुक्रवार को पड़ रहा है.
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अनंत चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी पर पूजा का मुहुर्त 9 सितंबर 2022 को सुबह 06.25 बजे से शाम 06:07 तक रहेगा. यानी पूजा के लिए पूरे 11 घंटे और 42 मिनट होंगे. वहीं अगर चतुर्दशी तिथि की बात की जाए तो वह 8 सितंबर को सुबह 9.02 से शुरू होगी और 9 सितंबर 2022 को शाम 6:07 बजे तक रहेगी.
गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणपति बप्पा को विदाई भी दी जाएगी. अनंत चतुर्दशी पर गणेश जी का विसर्जन शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन गणेश जी का विसर्जन करने से पुण्य फल मिलता है. तो आइए अब इस दिन गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त भी जान लीजिए.
सुबह गणेश विसर्जन मुहूर्त: सुबह 6.03 मिनट से 10.44 तक
दोपहर में गणेश विसर्जन दोपहर मुहूर्त: दोपहर 12.18 से 1. 52 मिनट तक
शाम को गणेश विसर्जन मुहूर्त: शाम को 5.00 बजे से शाम 6. 31 बजे तक
अनंत चतुर्दशी पूजा की विधि
अग्नि पुराण में अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व का वर्णन मिलता है. इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें. इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं. एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें चौदह गांठें लगी होनी चाहिए. इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें. अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें और 'अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।' मंत्र का जाप करें. इसके बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें. माना जाता है कि इस सूत्र को धारण करने से संकटों का नाश होता है.
इस बार 09 सितंबर को गणेश चतुर्दशी के दिन रवि योग और सुकर्मा योग बन रहे हैं. रवि योग 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 11 बजकर 35 मिनट तक है. वहीं सुकर्मा योग सुर्योंदय से लेकर शाम 06 बजकर 12 मिनट तक है. इस दिन पूर्णिमा तिथि शाम 06 बजकर 07 मिनट से शुरू हो रही है.
गणपति मूर्ति विसर्जन विधि
अनंत चतुर्दशी के दिन शुभ मुहूर्त में गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन करने से पहले उनकी विधि विधान से पूजा करें और उन्हें उनकी पसंदीदा चीजें अर्पित करें. बीते 10 दिन में भगवान गणपति के पूजा में जो भी भूल चूक हुई हो, उसके लिए क्षमा मांगे. अब आप भगवान गणपति को अर्पित की हुई सभी वस्तुएं एक पोटली में बांधे. साथ ही भगवान गणपति की प्रतिमा का विसर्जन किसी पवित्र नदी में करें. ध्यान रहे विसर्जन के दौरान गणेश जी की प्रतिमा को धीरे-धीरे छोड़ें.