पं, वेदप्रकाश पटैरिया शास्त्री जी (ज्योतिष विशेषज्ञ)
मेष: सातवां घर शादी का, व्यापारिक संबंधों का, विदेश यात्राओं का, व्यापार का और कानूनी समझौतों का होता है। गुरू का सातवें घर में उपस्थित होना मानसिक रूप से शांति देने का काम करेगा। सामान्य रूप से मेष के जातक थोडा गर्म मिजाज के होते हैं अगर उनका जन्म शुक्र ग्रह के नक्षत्र में न हुआ हो तो।
इस गोचर के दौरान गुरू मंगल, राहू और स्वयं अपने नक्षत्रों से होकर गुजरेगा। शादीशुदा जीवन में संघर्ष होगा लेकिन धीरे-धीरे इससे बाहर आ जाएंगे। संभव है कि गुरू के इस गोचर के दौरान मेष राशि के जातको का वजन तेजी से बढ़े इसलिए बेहतर होगा कि अपनी खाने की आदतों पर ध्यान दें। इस गोचर के दौरान मिलने वाली मानसिक शांति ही आपकी सारी समस्याओं का समाधान जैसी है।
जीवनसाथी हो या बिजनेस पार्टनर दोनों न तो सहयोग के मूड में रहेंगे और न ही आपके साथ आगे बढ़ने की इच्छा होगी। जब गुरू राहू के नक्षत्र में पहुचेगा तो स्वस्थ्य में थोड़ी परेशानी आएगी। गुप्त रोग भी हो सकते हैं। जब गुरू अपने नक्षत्र में आएगा तो खर्चों में बहुत बढ़ोत्तरी हो जाएगी। बेवजह की चीजों में धन व्यय करेंगे। दूर के लोगों से व्यापारिक रिश्ते बनेंगे। मेष राशि के कुछ जातकों का विवाह भी संभव है।
वृष यह शुक्र की राशि है जो स्थिर राशि है। गुरू यहां 6ठें भाव में गोचर करेगा। गुरु का तुला में गोचर आपको शत्रुओं पर विजय की क्षमता देगा। ध्यान रखें आपका कुछ कीमती सामान चारी हो सकता है। पेट से संबंधित परेशानी हो सकती है। आपको यात्रा करनी पड़ सकती है और खर्चे बढ़ेंगे। आर्थिक लाभ के भी संकेत साफ है और यह भी हो सकता है कि आपको दुश्मनों से भी धन लाभ हो सकता है।
गुरु का तुला में गोचर के दौरान आपके करियर को एक सकारात्मक मोड़ मिल सकता है। गुरु का तुला में गोचर के बाद आप कुछ मंहगी चीजें खरीदेंगे। कई लोगों के शादी शुदा जीवन के लिए समय थोड़ा संघर्ष पूर्ण रह सकता है। जब गुरू अपने ही नक्षत्र में होगा तो इस राशि के जातकों के स्वास्थ्य में थोड़ी खींचतान होगी। गुरू की गोचर का यह समय आपके करियर के लिए बहुत अच्छा है बेहतरीन अवसर मिलेंगे और सेलेरी बढ़ने के भी संकेत हैं।
भाई के साथ संबंधों में थोड़ी दरार आ सकती है। गुरू के इस गोचर के दौरान आकस्मिक आय के संकेत भी साफ हैं। व्यापारियों के लिए भी यह गोचर धन लाभ के संकेत दे रहा है लेकिन धन लाभ के बाद भी कुछ ऐसा रहेंगा जो आपको संतोष जनक स्थिति में नही लाएगा।
मिथुन: गुरु का तुला में गोचर, मिथुन राशि के लिए गुरू पांचवे घर में गोचर कर रहा है। इस घर का गुरू के साथ बहुत गहरा संबंध होता है। कालपुरूष की कुंडली में पांचवा घर सूर्य का घर होता है और सूर्य और गुरू एक दूसरे के बहुत अच्छे मित्र हैं। पांचवा घर मंत्र शास्त्र और बुद्धि से संबंधित है और गुरू-बुध का भी यही स्वाभाव है।
गोचर कर रहे ग्रह कई संम्मीकरणों के अनुसार अपना फल देते हैं यह सिर्फ लग्न राशि पर ही निर्भर नहीं करता बल्कि हर एक कुंडली के लिए गोचर कर रहे ग्रह का प्रभाव अलग होता है। हालांकि इस स्थिति में लग्नेश बुध और गुरू एक दूसरे के शत्रु हैं लेकिन फिर भी गुरू जितना हो सकता है लाभ ही देता है। इसलिए इस गोचर के शुरू होते ही इस राशि के जातकों के प्रेम संबंध शुरू हो जाएंगे। जीवनसाथी के साथ अगर संबंध अच्छे नहीं थे तो इस गोचर के दौरान उनमें सुधार अएंगे।
आप चीजों को ज्यादा समझेंगे और स्वीकार की भावना बढ़ेगी। गुरु का तुला में गोचर के दौरान शेयर बाजार से धनलाभ भी संभव है। पढ़ाई में बच्चे अच्छा प्रदर्शन करेंगे जिससें आप फूले नहीं समाएंगे। आपको इस गोचर के दौरान अपनी वाणी में नियंत्रण करना होगा और हो सकता है दांत या मसूड़ों के दर्द से भी परेशान होना पड़े। चेहरे में पिंपल भी हो सकते हैं। किसी अपने की सलाह मानकर कुछ पैसा फंसा सकते हैं। नौकरी बदलेगी या छूट जाएंगी लेकिन भाग्य आपके साथ ही रहेगा।
कर्क राशि के लिए गुरू चौथे घर में प्रवेश कर रहा है। यहां यह गुरू, शनि और बुध के नक्षत्रों से होकर गुजरेगा। नौवें और चौथे घर का स्वामी होने के कारण गुरू आपको अच्छे फल देगा। अचल संपत्ति को लेकर अगर कोई विवाद चल रहा है तो संभव है कि इस गोचर के दौरान उसका कोई न कोई समाधान निकल आए। रिश्तों और परिवार में अगर कुछ गड़बड़ चल रही थी तो वह अब खत्म होने के कगार पर पहुंच चुकी है।
घर में रिनोवेशन का काम होगा और संकेत साफ है कि आप कोई छोटा मोटा लोन भी ले सकते हैं। अगर आपको हृदय रोग है तो सावधान रहने की जरूरत है ऐसा सोचने की बिल्कुल जरूरत नहीं है कि गुरू हमेशा अच्छा ही करता है। गुरू की दसवें भाव में दृष्टि के कारण यह गोचर आपके करियर के लिए भी अच्छे परिणाम लेकर आ रहा है। आपके खर्चे बढ़ेंगे और आप व्यर्थ में धन व्यय भी करेंगे। अपने लिए वाहन भी खरीद सकते हैं। यह गोचर आपको धर्म और धार्मिक कार्यों की तरफ भी ले जाएगा।
गुरु का तुला में गोचर के दौरान लंबी यात्राएं करेंगे जिससे व्यापार में लाभ तो होगा ही साथ में धार्मिक और अध्यात्मिक लाभ भी होगा। जब गुरू बुध के नक्षत्र में आएगा तो आपका धन कुछ गैजेट आदि लेने में व्यय होगा। आप इस दौरान नए गैजेट भी खरीद सकते हैं।
सिंह गुरू आपकी शादी शुदा जिंदगी में प्यार के पल बढ़ाने की तैयारी कर चुका है। यह गोचर विवाहित लोगों के लिए अच्छे समय का तोहफा लेकर आ रहा है। इस राशि के जातक अपने व्यापार में भी अच्छी सफलता प्राप्त करेंगे और नए रिश्ते भी बनेंगे जो आगे चलकर उनके बहुत काम आएंगे। अच्छे करियर की ओर आगे बढ़ने में आपकी आंतरिक ताकत आपको उत्साहित करती रहेगी।
यह सब तब होगा जब गुरू अपने ही नक्षत्रों से होकर गुजरेगा। लेकिन जब यह शनि के नक्षत्र से होकर गुजरेगा तो आपको आवास बदलना पड़ सकता है। ऐसा संभव है आप किसी का पहले से बना घर खरीदें। इस दशा में आपको काम के क्षेत्र में भी कुछ परेशानियां होंगी।
इस दौरान जब शनि धनु राशि में गोचर करेगा तब से आपके वैवाहिक जीवन में भी कुछ परेशानियां आएंगी। कुंडली में तीसरा घर भाई-बहनों, पड़ोसियों, संचार, मीडिया और इंटरनेट से संबंधित होता है इसलिए अगर आप मीडिया या कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में काम कर रहे हैं तो गुरू के नक्षत्र में गुरू होगा तो आपको व्यस्त रखेगा लेकिन जब यह बुध के नक्षत्र में पहुंचेगा तो आप विख्यात हो जाएंगे।
अगर अपने भाई-बहनों और रिश्तेदारों से संबंधों में अनबन चल रही होगी तो इस गोचर में गुरू के बुध के नक्षत्र में आते ही सब सही हो जाएगा। आपके सिर्फ तब धैर्य और समझदारी से काम लेना है जब गुरू अपने इस गोचर के दौरान शनि के नक्षत्र से होकर गुजरेगा। बाकी गुरू का यह गोचर आपके लिए शुभ फल देने वाला है।
कन्या: गुरू का तुला राशि में गोचर के दौरान यह गुरू, शनि और बुध के नक्षत्रों से होकर गुजरेगा। तीनों की ग्रह कन्या राशि के जातकों को अच्छा फल देने की स्थिति में हैं। बस थोड़ी सावधानी इसके बुध के नक्षत्र में प्रवेश के दौरान रखनी है क्योंकि बुध 6ठें भाव का स्वामी है और यह भाव अच्छा नहीं माना जाता है। इस लिए यह कहना गलत नहीं होगा की यह गोचर आपके जीवन को रंग बिरंगा बनाने की तैयारी कर चुका है।
कई नए लोगों से मुलाकात होगी और बैंक बैंलेंस भी बढ़ेगा। इस दौरान कितना आर्थिक लाभ होगा यह आपकी जन्मकुंडली में बैठें ग्रहों के अनुसार तय होगा। परिवार में एक नए सदस्य की आमद हो सकती है इसका सीधा अर्थ है कि या तो घर में विवाह होगा या फिर किसी नए मेहमान का जन्म होगा। सामाजिक तौर पर भी मान-सम्मान बढ़ेगा यह भी आपकी जन्म कुंडली में बैठे सितारों पर निर्भर करेगा कि समाज में आपका रुतबा कहां तक पहुंचता है।
बुध के नक्षत्र में गुरू के आने पर वजन बढ़ने, ज्यादा खाने की वजह से एसिडिटी और थाइरॉइड जैसी समस्या हो सकती है। अपने दोस्तों और परिवार के साथ अच्छा व्यावहार करेंगे तो समय और अच्छा होगा। वैसे कन्या राशि के जातक बहुत शांत होते हैं लेकिन फिर भी गुरू के 2020 के गोचर में इस बात का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
गुरू इस राशि के राशि स्वामी शुक्र का शत्रु है इसके बाद भी गुरू बहुत हद तक अच्छा की करता है क्योंकि गुरू और शुक्र दोनों ही अच्छे फल देने वाले ग्रह हैं। शादी शुदा जीवन बेहतर होगा लेकिन जन्म कुंडली के सितारे इस लग्न के कुछ जातकों को कानूनी रूप से अलग भी करवा सकते हैं। कुछ भी हो लेकिन गुरू का यह गोचर आपको मानसिक शांति अवश्य देगा। आपका उतावला और भटकने वाला मन गुरु का तुला में गोचर के दौरान शांत रहेगा।
आप जीवन को स्थिर करने और अपने विकास के बारे में ज्यादा विचार करेंगे। अगर आपकी जन्म कुडली में सितारे आपका साथ दे रहे होंगे तो कुछ लोग इसी गोचर के दौरान व्यवस्थित हो जाएंगे। गोचर के दौरान गुरू अपने नक्षत्रों के साथ साथ शनि और बुध के नक्षत्रों से भी होकर गुजरेगा। लेकिन इस गोचर का अधिकतम लाभ आपको गुरू अपने नक्षत्र में होने के दौरान ही मिल जाएगा।
नौकरी के क्षेत्र में अच्छे अवसर और प्रमोशन दोनों के आसार हैं। अगर किराए के मकान में रह रहे हैं तो मकान मालिक से झगड़ा हो सकता है। कुछ लोग धन प्राप्ति के लिए अपनी जमीन जायदाद बेच सकते हैं। आस- पास के क्षेत्र में यात्रा करने जा सकते हैं। अपने अंतिम चरण मे में हो रहा गुरू का यह गोचर विदेश यात्रा भी करवा सकता है।
वृश्चिक: गुरू के दूसरे और 12वें भाव का स्वामी होने के कारण खर्चे बढ़ेंगे। गुरू का आपके पांचवें भाव पर भ्ी अधिकार है इसलिए प्यार और सट्टे दोनों ही मामलों में आपको धक्का लग सकता है। इस गोचर के दौरान आप उतने सटीक और प्रभावी निर्णय लेने में असफल रहेंगे और आपका अंतरमन ही आपको गलत राह की ओर ले जाएगा। घर में छोटे-मोटे झगड़े हो सकते हैं और आप बच्चों की पढाई से भी परेशान रहेंगे।
इस कारण से जीवनसाथी के साथ भी थोड़ी तू-तू, मैं-मैं हो सकती है। इसके बाद जब गुरू अपने नक्षत्र से निकल कर शनि के नक्षत्र में जाएगा तो छोटी-छोटी यात्राएं करनी पड़ेगी। अपने छोटे भाई बहनों के साथ रिश्ते में कुछ खटास आएगी।
इस गोचर के दौरान आपको अपने प्रयासों के पर्याप्त फल नहीं मिलेंगे हो सकता है जिस काम में आप हाथ डालें वो हो ही न या बहुत देर से हो। जगह परिवर्तन के योग भी हैं। इस गोचर के दौरान जब गुरू बुध के नक्षत्र में आएगा तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहेंगे तो इस समय आय के स्रोत खुलेंगे और नए संबंध भी बनेंगे।
धनु: गुरू का यह गोचर धनु राशि के जातकों के लिए बहुत अच्छा समय लेकर आ रहा है। इस राशि के लिए लग्न स्वामी 11वें भाव में पहुंच रहा है जो कि लाभ का स्थान है। वर्ष 2017 में हो रहा यह गोचर तब धनु राशि के जातकों के लिए बहुत लाभप्रद रहेगा जब गुरू अपने ही नक्षत्रों से होकर गुजरेगा। इस दौरान आपके अपने दोस्तों के साथ अच्छे संबंध रहेंगे। कुछ लोगों के विवाहेत्तर संबंध भी होंगे और वो बिना परेशानी अपने इन संबंधों का सुख लेते रहेंगे।
लोगों के साथ संबंधों में विकास होगा और समाज में आपकी लोगों से जान-पहचान कई गुना बढ़ जाएगी। यह समय उन लोगों के लिए तो बहुत बेहतर है जो किसी भी तरह से संचार आदि से जुड़े हैं। गुरु का तुला में गोचर के समय मीडिया में काम कर रहे लोगों और लेखन आदि के क्षेत्र से जुड़े लोग कार्यक्षेत्र में बहुत अच्छा कर सकेंगे। गुरू जब शनि के नक्षत्र में प्रवेश करेगा तो कुछ आर्थिक नुकसान होने के आसार भी है।
परिवार के सदस्यों के बीच में मनमुटाव रहेगा। लेकिन जब ये बुध के नक्षत्र में पहुंचेगा तो धनु राशि के लिए व्यक्तिगत और आर्थिक दोनों मामलों में लाभदायक रहेगा क्योंकि यह 7वें और 10वें भाव से संबंधित है। साथ ही इसका संबंध 11वें घर से भी है। आर्थिक लाभ होंगे और व्यापार में वृद्धि होगी। कुल मिलाकर ये गोचर आपके लिए बहुत अच्छा जाने वाला है।
मकर: इस राशि के जातकों के लिए गुरू का यह गोचर दोहरे परिणाम लेकर आ रहा है। एक तरफ अपने शुरूआती चरण में यह कुछ परेशानियां देगा जब यह अपने नक्षत्र से होकर गुजरेगा। करियर से संबंधित परेशानियां हैं तो वो जस की तस बनी रहने वाली हैं। छोटी-बडी कई यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। विदेश यात्रा के योग भी हैं। खर्चे हद से ज्यादा होंगे और ये आपकी चिंता का विषय भी होगा।
अपने लोगों के बीच आप बहुत प्रसिद्ध होंगे लेकिन जब तक गुरू अपने नक्षत्र में रहेगा कोई भी आर्थिक लाभ नहीं होगा। इसके बाद जब गुरू शनि के नक्षत्रों में पहुंचेगा तो परिस्थतियां और खराब होने लगेंगी। क्योंकि इस समय गुरू 12वें भाव से जुड़ जाएगा। इस दौरान आपकी मेहनत में पानी फिरना शुरू हो जाएगा। जिन चीजों को आप बहुत आसान समझ रहे थे वही आपकी चिंता और परेशानी का कारण बनेंगी। दोनों शनि और गुरू आपको अच्छे फल देने में नाकामयाब हैं जबकि शनि आपका लग्न स्वामी है।
इसके बाद जब गुरू बुध के नक्षत्र में प्रवेश करेगा तो हालात कुछ सामान्य होंगे। बुध 6ठें और 9वें भाव से संबंधित है। ऐसे लोग जो नौकरी में हैं उनके लिए परिस्थितियां कुछ बेहतर होंगी। हो सकता है कोई बेहतर अवसर मिले और पुरानी नौकरी छोड़ी जाए। नए लोगों से मुलाकात और जान पहचान होगी। अपने कामों में बढि़या प्रदर्शन करेंगे। आप इस दौरान कुछ दान भी करेंगे और किसी हिन्दू प्राचीन मंदिर में घूमने भी जाएंगे।
कुंभ राशि : पिछला साल जब गुरू का कन्या राशि में गोचर हुआ था तो वह दौर कुंभ राशि के जातकों के लिए बहुत संघर्ष से भरा था लेकिन यह गोचर जो कि तुला में है तो कुंभ राशि के जातक थोड़ा आनंद का अनुभव कर सकते हैं। काल पुरूष की कुंडली में गुरू 9वें भाव का स्वामी होता है और इस भाव में बैठा गुरू हमेशा अच्छे फल ही देता है। साथ ही यह 2रें और 11वें भाव का स्वामी है जो कि दो सबसे ज्यादा अच्छा फल देने वाले भाव है।
अत: कुंभ राशि के जो जातक गुरू की महादशा या अंतर दशा से गुजर रहे होंगे उनके लिए यह समय बहुत अच्छा है। समय अच्छा है स्वास्थ्य में मामलों में सुधार होगा और अपने से बड़ों के साथ जो संबंध बिगड़ चुके हैं एक बार फिर उनमें नई जान आएगी।
धार्मिक क्षेत्र में कुछ बेहतर करने का मौका मिलेगा, आप कुछ पुराने दोस्तों से मिलेंगे और कुछ नए दोस्त भी बनाएंगे। ऐसे लोग जो किसी भी तरह से धर्म से संबंधित व्यापार में हैं निश्चित ही धन और नाम दोनों की प्राप्त करेंगे। गुरू जब अपने नक्षत्राों से गोचर करेगा तो वह समय आपके जीवन का सबसे अच्छा समय होगा। आप संबंधित क्षेत्र में कुछ बेहतर करेंगे।
शिक्षा, धर्म और ज्ञान से जुड़े लोग जाने मानी हस्ती बन सकते हैं। धार्मिक रूप से यह समय बहुत कुछ प्राप्त करने और सीखने का है। शनि के नक्षत्रों में पहुंचने के बाद भी परिस्थितियों में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आएगा। अपने सामाजिक ताने-बाने के अनुसार आपको आर्थिक लाभ भी होगा। इस दौरान मंत्र सिद्धि में रूचि लेंगे। ऐसे जातक जिनका जन्म सतभिषा नक्षत्र में हुआ होगा उन्हें इस दौरान साधना से अनोखा अनुभव मिल सकता है।
इस दौरान प्रेम संबंधों के स्थापित होने के संकेत भी मिल रहे हैं लेकिन यह क्षणिक ही होगा। बुध के नक्षत्र में पहुंचने के बाद बाकी चीजें तो सामन्य रहेंगी लेकिन स्वास्थ्य को लेकर आपको सावधान होने की जरूरत होगी। कुल मिला कर गुरू का यह गोचर आपके लिए बहुत अच्छे परिणाम लेकर आने वाला है।
मीन: यह गोचर मीन राशि के जातकों के लिए काफी कठिनाई से भरा समय ला रहा है। क्योंकि गुरू लग्न स्वामी होकर आठवें भाव में प्रवेश कर रहा है। ऐसे लोग को अनुसंधान, काला जादू और ज्योतिष के क्षेत्र में जुड़े हैं उनको कार्य के क्षेत्र में तो सफलता मिलेगी लेकिन इसका कोई आर्थिक लाभ नहीं होगा।
अपने नक्षत्र में गुरू कई रुकावटें देगा। इसके बाद गुरू शनि के नक्षत्र में प्रवेश करेगा जो कि इस कुंडली के दसवें घर में होगा। इस स्थिति में मिलेजुले फल मिलेंगे। शुरूआत में कुछ अच्छे समाचार तो मिलेंगे लेकिन समय के साथ साथ इसमें अच्छा कुछ भी नहीं रह जाएगा। काम में देरी होगी और आप डेडलाइन को फॉलो नहीं कर सकेंगे। इससे आप खुद फ्रस्टेशन में जा सकते हैं।
इस दौरान अपने मन में जितना नियंत्रण रखेंगे उतना बेहतर होगा। इसके बाद जब गुरू बुध के नक्षत्र में प्रवेश करेगा तो बहुत से लोग परिवारिक कलह विशेष कर जीवनसाथी के साथ मनमुटाव से परेशान होंगे। व्यापार में कुछ नुकसान भी संभव है। सेहत का ध्यान रखना अति आवश्यक है और सट्टा और जूएं से जितनी दूर रहेंगे उतना ही बेहतर होगा।
किसी भी प्रकार की समस्या समाधान के लिए पं. वेदप्रकाश पटैरिया शास्त्री जी (ज्योतिष विशेषज्ञ) जी से सीधे संपर्क करें = 9131735636