31 अगस्त को गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की स्थापना और पूजा के लिए दिन भर में कुल 6 शुभ मुहूर्त ,जानिए
31 अगस्त को गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की स्थापना और पूजा के लिए दिन भर में कुल 6 शुभ मुहूर्त रहेंगे. सबसे अच्छा समय दोपहर 11.20 बजे से दोपहर 01.20 बजे तक होगा, क्योंकि यह मध्याह्न काल होगा, जिसमें भगवान गणेश का जन्म हुआ था। आम तौर पर दोपहर के समय गणेशजी की स्थापना और पूजा करनी चाहिए। समय न मिलने पर किसी भी शुभ विवाह या चौघड़िया मुहूर्त में गणपति की स्थापना की जा सकती है. वैसे भी इस बार 300 साल बाद गणेश चतुर्थी पर शुभ ग्रह स्थिति बन रही है
और लम्बोदर योग भी है. भगवान गणेश की पूजा में सोलह सौ पचास पूजा का विशेष महत्व है। अगर आप इतनी सारी चीजों से पूजा नहीं कर सकते हैं तो आप इसके लिए छोटी पूजा कर सकते हैं स्वस्तिक बना लें और उसमें चुटकी भर चावल स्थापित करने के लिए रख दें। उस पर सुपारी डालें। इस सुपारी गणेश की पूजा करें। यह संभव न भी हो तो भी भक्ति भाव से मोदक और दूर्वा चढ़ाने से भी भगवान की कृपा प्राप्त होती है। यदि किसी कारणवश आप गणेश की स्थापना और पूजा नहीं कर सकते हैं,
तो भी पूरे गणेशोत्सव के दौरान प्रतिदिन गणेश के केवल तीन मंत्रों का जाप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रात:काल स्नान कर गणेश मंत्रों का जाप करके प्रणाम करने के बाद कार्यालय-दुकान या किसी कार्य के लिए निकल जाना चाहिए। गणपति पूजा से जुड़े मामलों का ध्यान रखें 1. गणेश जी की मूर्ति को तुलसी और शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
गहग2. दूर्वा और मोदक के बिना पूजा अधूरी रहती है। 3. गणपति के पसंदीदा फूल: जसूद, करेन, कमल, चंपा, मौलाश्री (बकुल), हजारीगोटा, गुलाब 4. गणपति की पसंदीदा पत्तियां: शमी, दूर्वा, धतूरो, केला, मंदार और बिल्व पत्ते 5. पूजा में नीले और काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। 6. चमड़े की वस्तुओं से पूजा करें और भगवान को कभी अकेला न छोड़ें। 7. स्थापना के बाद मूर्ति को न हिलाएं, भंग होने तक तीन बार गणेश जी की पूजा करें।