जानिए मां लक्ष्मी को क्यो प्रिय है श्रीयंत्र...
Know why Goddess Lakshmi loves Shriyantra
मां लक्ष्मी का प्रिय यंत्र है श्रीयंत्र। कहा जाता है कि श्रीयंत्र की पूजा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। घर में विधि-विधान के साथ श्रीयंत्र की पूजा और आराधना करने से घर में सुख-संपत्ति, सौभाग्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। यह अकेला ऐसा यंत्र है जो समस्त ब्रह्मांड का प्रतीक है। श्री शब्द का अर्थ लक्ष्मी, सरस्वती, शोभा, संपदा, विभूति से किया जाता है। यह यंत्र श्री विद्या से संबंध रखता है।
कहते हैं जहां श्रीयंत्र की स्थापना होती है वहां मां लक्ष्मी आने के लिए विवश हो जाती हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार लक्ष्मी मां नाराज होकर बैकुंठ चली गईं थी।
उनके बिना धरती पर त्राहि-त्राहि मच गई। तब देवगुरु बृहस्पति ने लक्ष्मीजी को आकर्षित करने के लिए 'श्रीयंत्र' स्थापना और पूजन का उपाय सुझाया। फिर मां लक्ष्मी को धरती पर आने के लिए विवश होना पड़ा। श्री यंत्र को अगर घर में स्थापित कर रहे हैं तो शुभ मुहुर्त देखकर ही स्थापित कराएं।
इस बात का ध्यान रखें कि श्रीयंत्र सही बना हो, गलत श्रीयंत्र की पूजा करने से कोई लाभ नहीं होगा। एक बार श्री यंत्र को स्थापित करने के बाद रोजाना उसका जाप करना चाहिए। अगर घर में श्रीयंत्र को रखें तो उसकी पूजा जरूर करें।
क्या है श्रीयंत्र की महिमा ?
- श्रीयंत्र की सिद्धि भगवान शंकराचार्य ने की थी।
- दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और ताकतवर यंत्र श्रीयंत्र ही है।
- हालांकि श्रीयंत्र को धन का प्रतीक मानते हैं लेकिन ये शक्ति और अपूर्व सिद्धि का भी प्रतीक है।
- श्रीयंत्र के प्रयोग से सम्पन्नता, समृद्धि और एकाग्रता की प्राप्ति होती है।
- श्रीयंत्र के सही प्रयोग से हर तरह की दरिद्रता दूर की जा सकती है।
- श्रीयंत्र कई तरह का होता है- समतल, उभरा हुआ और पिरामिड की तरह का भी।
- हर तरह का श्रीयंत्र अलग तरीके से लाभकारी होता है।