शारदीय नवरात्र पर्व गुरुवार से शुरू होने जा रहा है। इस बार नवरात्र नौ दिन की जगह आठ दिन होंगे। तीसरा और चौथा नवरात्र एकसाथ होगा। आदि तीर्थ सोरों शूकर क्षेत्र के ज्योतिषी पं0 गौरव दीक्षित ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नवरात्र पर्व पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 7 अक्टूबर को सुबह 6:17 बजे से 7:07 बजे तक की जा सकती है।
तिथि के अनुसार, मां दुर्गा के इन रूपों की करें पूजा
पहला दिन (7 अक्टूबर)- मां शैलपुत्री की आराधना
दूसरा दिन (8 अक्टूबर)- मां ब्रह्मचारिणी की आराधना
तीसरा दिन (9 अक्टूबर)- मां चंद्रघंटा और मां कुष्मांडा की पूजा
चौथा दिन (10 अक्टूबर)- मां स्कंदमाता की आराधना
पांचवा दिन (11 अक्टूबर) मां कात्यायनी की आराधना
छठा दिन (12 अक्टूबर) मां कालरात्रि की आराधना
सातवां दिन (13 अक्टूबर)- मां महागौरी की पूजा
आठवां दिन (14 अक्टूबर)- मां सिद्धिरात्रि की पूजा
नौवां दिन (19 अक्टूबर)- दशहरा
पूजा की सामग्री: नवरात्रि के लिए पूजा सामग्री पहले से ही तैयार कर लें। चुनरी, मौली, दीपक, घी, धूप, नारियल, फूल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, मिसरी, कपूर, आदि की खरीदारी कर लें। भोग के लिए सभी फलों का इंतजाम भी कर लें।
नवरात्रि के दिन सुबह नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ पानी से स्नान कर लें। पानी में कुछ बूंदें गंगाजल की डालकर स्नान करें या स्नान के पश्चात शरीर पर गंगा जल का छिड़काव करें। कलश स्थापना के स्थान पर दीया जलाएं और दुर्गा मां को अर्घ्य दें। इसके बाद अक्षत और सिंदूर चढ़ाएं। लाल फूलों से मां को सजाएं और फल, मिठाई का भोग लगाएं। धूप, अगरबत्ती जलाकर दुर्गा चालीसा पढ़े और अंत में आरती करें।
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पं0 गौरव दीक्षित शास्त्री सोरों जी
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