ऋषि पंचमी मनेगी आज, जानें इस दिन व्रत और पूजा से होते हैं कितने फायदे
ऋषि पंचमी पर अपने पितरों के नाम से दान करके भी अपने रुके हुए कामों में सफलता मिल जाती है. इस साल ऋषि पंचमी 23 अगस्त को मनाई जा रही है.
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी मनाई जाती है. ऋषि पंचमी पर अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगकर व्रत विधान किया जाता है. इस दिन सभी स्त्री-पुरुष जाने-अनजाने में हुई गलती के लिए सप्त ऋषियों के लिए व्रत करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते है. ऋषि पंचमी पर अपने पितरों के नाम से दान करके भी अपने रुके हुए कामों में सफलता मिल जाती है. इस साल ऋषि पंचमी 23 अगस्त को मनाई जा रही है.
ऋषि पंचमी पर कैसे करें व्रत?
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें और साफ हल्के पीले वस्त्र धारण करें
- अपने घर के मंदिर वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और वहां सुगंध की व्यवस्था करें
- एक लकड़ी के पटरे पर सप्त ऋषियों की फोटो या विग्रह लगाए और उनके सामने जल भरकर कलश रखें
- सप्त ऋषि को धूप-दीपक दिखाकर पीले फल-फूल और मिठाई अर्पित करें
- अब सप्त ऋषियों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगे और दूसरों की मदद करने का संकल्प लें
- सभी लोगों को व्रत कथा सुनाने के बाद आरती करें और सभी को प्रसाद खिलायें
- अपने बड़े बुजुर्गों के चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें
दिव्य उपायों से खत्म होंगी रुकावटें
- ऋषि पंचमी के दिन सुबह के समय जल्दी उठे स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
- 11 साबुत छोटी हरी इलायची लें और उन्हें भगवान गणपति के सामने एक प्लेट में रखें
- भगवान गणपति के सामने गाय के घी का दीया जलाएं और पीले फल रखें
- अब लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से ॐ विद्या बुद्धि प्रदाये नमः मंत्र का 108 बार जाप करें
- भगवान गणपति और सप्तर्षियों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांग कर विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद मांगे
- ऐसा करने से विद्या में आ रही रुकावट शीघ्र ही दूर होगी
पितरों के आशीर्वाद से बढ़ेगा धन
- ऋषि पंचमी के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
- घर के रसोईघर को साफ करके हो सके तो गाय के दूध की खीर बनाएं
- अपने घर के दक्षिण दिशा में पितरों की फोटो या तस्वीर रखें उनके सामने घी का दीपक जलाएं
- 5 अलग अलग पान के पत्तों पर थोड़ी खीर रखकर उस पर एक एक इलायची रखें
- ॐ श्री पितृ देवाय नमः मन्त्र का 27 बार जपें जाप के बाद यह पांचों पान के पत्ते पीपल के वृक्ष की जड़ में अर्पण करें
- पितरों के नाम से जरूरतमंद लोगों को भोजन अवश्य कराएं.