सावन सोमवार : भगवान शिव को इस पवित्र माह में ऐसे करें प्रसन्न
हिन्दू धर्म में सावन के महीने को सबसे पवित्र माना जाता है. इस महीने का अपना अलग ही महत्त्व होता है.
सावन का महीना जब भी आता है शिव भक्तों में एक अलग उत्साह नजर आता है. देवों के देव महादेव को श्रावण मास का महीना बहुत प्रिय है. पुराणों में कहा गया है कि अन्य दिनों की अपेक्षा सावन के दिनों में भगवान भोलेनाथ की पूजा औऱ अभिषेक करने से कई गुणा लाभ मिलता है. आज सावन का पहला सोमवार है,
हिन्दू धर्म में सावन के महीने को सबसे पवित्र माना जाता है. इस महीने का अपना अलग ही महत्त्व होता है.
सावन का महत्त्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब सनत कुमारों ने महादेव से सावन माह प्रिय होने का कारण पूछा तो भगवान शिव नें बताया कि जब देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, उससे पहले देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था. अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया. पार्वती ने युवावस्था के सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और उन्हें प्रसन्न कर विवाह किया, जिसके बाद से ही सावन का महीना महादेव के लिए विशेष माना जाने लगा.
ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
घर में बने पूजा के स्थान पर ज्योति जलाएं.
शिवजी की पूजा में सबसे पहले उनका जलाभिषेक करें. अभिषेक में महादेव को जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, गन्ने का रस आदि से स्नान कराएं और ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल आदि से शिव जी को प्रसन्न करें.
अगर घर में शिवलिंग है तो गंगा जल और दूध चढ़ाएं या पास के मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं.
बेल पत्र को धोकर चंदन से ओम नम: शिवाय लिख कर शिवलिंग पर चढ़ाएं. याद रहे बेलपत्र हमेशा 5, 7 या 11 की संख्या में हो और साबुत बेल पत्र ही हों.
फिर भगवान शिव की आरती करें.
इसके बाद उन्हें मीठा या फल आदि का भोग लगाएं.