ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शनि देव सूर्य भगवन के पुत्र है और शनि देव को अशुभ माना गया है, लेकिन वास्तविका यह है की शनि हमेशा अशुभ नहीं होता, अगर आप पर शनि कि कृपा है तो यह बहोत अच्छा परिणाम देता है और आपके भाग्य को मजबूत करता है| यह निर्भर करता है की शनि आपकी कुंडली में किस स्थान पर है| वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय कर्ता ग्रह माना जाता है। यह एक राशि में लगभग ढाई साल तक भ्रमण करता है और उसके बाद राशि परिवर्तन करता है। यह जब चंद्र राशि से द्वादश भाव में होता है तो साढ़ेसाती की शुरुआत होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। हनुमान जी की पूजा करने से सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं। हनुमान जी इस कलयुग में जागृत देव हैं। शनि दोषों से मुक्ति पाने के लिए मंगलवार के दिन विधि- विधान से हनुमान जी की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है।
मकर, कुंभ, धनु, मिथुन और तुला राशि के जातक इस दिन एक से अधिक हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जो व्यक्ति रोजाना नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसे जीवन में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।