हिंदू धर्म में क्यों सबसे बड़े आराध्य हैं भगवान शंकर...

Why is Lord Shankar the most worshipable in Hindu religion

Update: 2023-11-27 09:17 GMT

विष्णु पुराण में भगवान शिव के जन्म के संबंध में एक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार एक बार ब्रह्रमा जी को एक बच्चे की जरुरत थी तब उन्होंने इसके लिए तपस्या की। तभी अचानक उनकी गोद में रोते हुए बालक शिव प्रकट हुए। ब्रह्मा ने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने बड़ी मासूमियत से जवाब दिया कि उसका नाम ‘ब्रह्मा’ नहीं है इसलिए वह रो रहा है। तब ब्रह्मा ने शिव का नाम रूद्र रखा जिसका अर्थ होता है रोने वाला।

शिव के ब्रह्मा पुत्र के रूप में जन्म लेने के पीछे भी विष्णु पुराण में एक पौराणिक कथा है। इसके अनुसार जब धरती, आकाश, पाताल समेत पूरा ब्रह्माण्ड जलमग्न था तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सिवा कोई भी देव या प्राणी नहीं था। तब केवल विष्णु ही जल सतह पर अपने शेषनाग पर लेटे नजर आ रहे थे। तब उनकी नाभि से कमल नाल पर ब्रह्मा जी प्रकट हुए।

जब ये दोनो देव सृष्टि के संबंध में बातें कर रहे थे तो शिव जी प्रकट हुए। ब्रह्मा ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। तब शिव के रूठ जाने के भय से भगवान विष्णु ने ब्रह्मा को शिव की याद दिलाई। ब्रह्मा को अपनी गलती का एहसास हुआ और शिव से क्षमा मांगते हुए उन्होंने उनसे अपने पुत्र रूप में पैदा होने का आशीर्वाद मांगा। शिव ने ब्रह्मा की प्रार्थना स्वीकार करते हुए उन्हें यह आशीर्वाद प्रदान किया।

क्यों हिंदू धर्म में सबसे बड़े आराध्य हैं शंकर जी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को सृष्टि का रचयिता कहा जाता है। इनकी पूजा सबसे आसान और सरल होती है। देवों के देव महादेव सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से प्रसन्न हो जाते हैं। इनकी कृपा से मौत भी टल जाती है, इसलिए हिंदू धर्म में सबसे बड़े आराध्य हैं शंकर जी। 

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