भगवान शिव को क्यों कहा जाता है देवों के देव महादेव और पूजा करते समय जलाभिषेक का विशेष महत्व जानिए, शिवमहापुराण के अनुसार

Update: 2022-09-04 13:21 GMT

भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहते हैं। भगवान शिव को कई नामों से पुकारा जाता है। जैसे भोलेनाथ, शंकर, महादेव, रूद्र, नीलकंठ व गंगाधर आदि उनके नाम हैं। हिंदू धर्म में भगवान शिव को विशेष महत्व प्राप्त है। भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय व विधि अनुसार पूजा पाठ करते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा होने पर व्यक्ति हर पाप कर्मों से मुक्ति पा लेता है। भगवान शिव की पूजा करते वक्त जलाभिषेक का विशेष महत्व है।

पुराणों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने का अहम महत्व बताया गया है। भगवान शिव का जलाभिषेक करने पर रोग, शोक व दुख, दरिद्र सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। जल की धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। भगवान शिव का जलाभिषेक शुद्ध जल से किया जाता है। भगवान शिव का जल से विशेष संबंध है। आइए जानते हैं भगवान शिव को क्यों चढ़ाया जाता है जल, क्या है

इसके पीछे वजह? क्या है इसके पीछे वजह पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने जब समुद्र मंथन के दौरान विष को पी लिया था तो वे उस विष की गर्मी से जलने लगे थे। उस समय उनकी गर्मी को शांत करने के लिए देवताओं ने जल, दूध व रंग बिरंगे फूलों, सब्जियों का रस उन पर चढ़ाया था, ताकि उनके तपते शरीर को शांति मिल सके और उनकी शरीर की जलन भी ठीक हो सके। इसी के चलते भगवान शिव पर जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई थी।

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